दक्षिणापथ. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के जल्द आयोजन की सुगबुगाहट से पाकिस्तान तिलमिला गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को कहा कि उनका देश कश्मीर के विभाजन और उसकी जनसांख्यिकी में बदलाव के भारत के किसी भी कदम का विरोध करेगा।
कुरैशी का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से जम्मू-कश्मीर के 14 राजनेताओं को 24 जून को बैठक का न्यौता देने के बाद आया है। इस बैठक में इस नवगठित केंद्र शासित प्रदेश के विधानसभा चुनावों का खाका तय हो सकता है। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के मुताबिक, कुरैशी ने कहा कि भारत को 5 अगस्त, 2019 की अपनी कार्रवाई (अनुच्छेद-370 का खात्मा व जम्मू-कश्मीर का विभाजन) के बाद कश्मीर में कोई और कदम उठाने से बचना चाहिए। कुरैशी ने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष व यूएन महासचिव को भारत के संभावित कदम के बारे में बता चुके हैं।
कुरैशी ने कहा कि ‘पाकिस्तान ने भारत के पांच अगस्त 2019 के कदम का पूरी तरह से विरोध किया है और इस मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान भारत के ऐसे किसी भी कदम का विरोध करने का प्रण लेता है जो क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए जम्मू कश्मीर को विभाजित करने वाले हो।’
बता दें कि केंद्र सरकार इस महीने 24 जून को जम्मू-कश्मीर की सभी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ बातचीत करेगी। सरकार यह कदम केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने की पहल के तहत उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली इस बैठक में शामिल होने वाले नेताओं को कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।
बैठक के लिए केंद्रीय गृह सचिव ने किया फोन
एक अधिकारी के हवाले से जानकारी दी गई है कि केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में विभिन्न दलों के विभिन्न राजनीतिक नेताओं को फोन करके उन्हें अगले सप्ताह होने वाली पीएम मोदी की बैठक के लिए आमंत्रित किया है।
अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के मुखिया सज्जाद लोन शामिल हो सकते हैं। बता दें कि फारूक और महबूबा जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
बताया जा रहा है कि यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होगी, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेता रहेंगे। इस बैठक के बारे में जब माकपा नेता और पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डेक्लेरेशन के प्रवक्ता एमवाई तरिगामी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, हमें सरकार से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
हालांकि अगर ऐसा कुछ होता है तो इसका स्वागत किया जाएगा। श्रीनगर से तरिगामी ने कहा, हमने केंद्र के साथ सार्थक बातचीत के लिए अपने दरवाजे कभी बंद नहीं किए हैं। इस अलायंस में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी भी हैं, जिसका गठन जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा हटाए जाने और उसे केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने के बाद किया गया था।
जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अध्यक्ष बुखारी ने कहा, अगर ऐसी कोई बातचीत होती है तो मैं इसका स्वागत करता हूं। यह मार्च 2020 की हमारी स्थिति की पुष्टि करता है, जब हमने यह स्पष्ट कर दिया था कि जम्मू-कश्मीर के लिए लोकतंत्र और राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए संवाद ही एकमात्र तंत्र है।