दक्षिणापथ, दुर्ग। सांसद विजय बघेल ने कहा कि उनके पास लगातार किसानों की शिकायतें आ रही है कि भूपेश सरकार द्वारा खराब हो चुके गोबर को प्राथमिक साख सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को जबरदस्ती बेचा जा रहा है। सांसद विजय बघेल ने कहा कि भूपेश सरकार द्वारा खराब गोबर को गोबर खाद/ऑर्गेनिक मैन्योर के नाम पर बेचा जा रहा है, जिसके मानक का कोई ठिकाना नहीं है, यह एक अमानक खाद है जिसे जबरदस्ती किसानों को खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने 44 हजार टन गोबर खरीदा इसमें से केवल 1 हजार टन से ही वर्मी कंपोस्ट बनाया गया, बाकी 43 हजार टन गोबर कु-प्रबंधन और अव्यवस्था के चलते खराब हो गया, जिसके नुकसान की भरपाई भूपेश सरकार गरीब किसानों से करना चाहती है, इसी कारण बचे हुए खराब गोबर को सामान्य गोबर खाद/ऑर्गेनिक मैन्योर के नाम से किसानों को जबरदस्ती बेचा जा रहा है।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि सरकारी कु-प्रबंधन के चलते खराब हो चुका हजारो टन गोबर जो कि किसी भी प्रकार से उपयोग के लायक नहीं है, उसे रसायन युक्त वेस्ट-डीकंपोजर के द्वारा खाद में बदलने का उपक्रम किया जा रहा है जोकि समझ से परे है क्योंकि ऐसे रसायन युक्त वेस्ट डी-कंपोजर का उपयोग नगर निगम द्वारा कचरे के निष्पादन में किया जाता है और कचरे के निष्पादन में उपयोग किये जाने वाले रसायन युक्त वेस्ट डी-कंपोजर को अगर खराब गोबर में मिलाया जाएगा तो उससे निश्चित रूप से किसानों की फसल को गंभीर क्षति पहुंच सकती है। भूपेश सरकार को प्रदेश के किसानों के समक्ष यह स्थिति स्पष्ट करना चाहिए कि किसी भी प्रकार के जैविक खाद का निर्माण में रसायन युक्त वेस्ट-डीकंपोजर का उपयोग किया जाना एक सही कदम है। भूपेश सरकार जैविक खाद के नाम पर खराब गोबर को रासायनिक ट्रीटमेंट करके सोसायटियों में कहीं 6 तो कहीं 10 रुपये किलो में बेच रही है जो कि छत्तीसगढ़ के किसानों के साथ घोर अन्याय है जिसका प्रबल विरोध किया जाएगा।
सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्न करते हुए सांसद विजय बघेल ने कहा कि यह खाद कौन सी राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित लेबोरेटरी में जांच द्वारा प्रमाणित कराई गई है, इसे भूपेश सरकार ने कहीं भी स्पष्ट नहीं किया है। इस खाद की पैकिंग भी एकदम अनुपयुक्त है जिसे अलग-अलग सोसाइटी में अलग-अलग पैकिंग में बेचा जा रहा है, कहीं इसे सीमेंट की बोरियों में तो कहीं अनाज की बोरियों में भरकर बेचा जा रहा है जबकि किसी भी पैकेज्ड मटेरियल को बेचने का एक नियम और कानून है। किसी भी पैकेज्ड मटेरियल को बेचते समय उसकी पैकिंग एक समान एकरूप में होनी चाहिए और उसके पैकेज में वस्तु के निर्माण में शामिल समस्त प्रकार के घटकों का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए साथ ही उस वस्तु में पाए जाने वाले खनिज तत्व एवं रसायनों की जानकारी भी होनी चाहिए परंतु भूपेश सरकार द्वारा निर्मित इस अमानक खाद में कार्बन, नाइट्रोजन, पोटाश, फास्फोरस, मैगनीज, जिंक का कितना कितना अंश है इसका कहीं भी उल्लेख नहीं है।
सांसद विजय बघेल ने कहा कि भूपेश सरकार किसानों को दबावपूर्ण तरीके से खराब गोबर खरीदने के लिए बाध्य कर रही है। सोसायटियों में डीएपी, यूरिया व पोटाश खरीदने के लिए पहुंच रहे किसानों से यह कहा जा रहा है कि जब तक वह भूपेश सरकार की गोबर खाद को नहीं खरीदेंगे तब तक उन्हें डीएपी, यूरिया और पोटाश प्रदान नहीं किया जाएगा, इस प्रकार किसानों को ब्लैकमेल करके उन्हें जबरदस्ती अमानक खाद बेची जा रही है। विजय बघेल ने किसानों को आश्वस्त किया कि किसान भयभीत हुए बिना भूपेश सरकार के इस कदम का विरोध करें वे उनके साथ खड़े हैं। विजय बघेल ने समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं से भी भूपेश सरकार के इस किसान विरोधी कृत्य का विरोध करने का आव्हान किया। सांसद विजय बघेल ने कहा कि बिना लेबोरेटरी जांच का गुणवत्ताहीन और खतरनाक रसायन मिश्रित खराब गोबर फसलों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। राज्य सरकार द्वारा गोबर की जैविक खाद के नाम पर खतरनाक रसायनयुक्त खराब गोबर को बेचे जाने की शिकायत केंद्रीय कृषि मंत्री से करेंगे और इसकी जांच की मांग उठाएंगे।
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