जहां बापू पहुंचे थे छुआछूत मिटाने, वहां नेलसन की बनाई प्रतिमा का कल लोकार्पण करेंगे भूपेश

by sadmin

भिलाई।  रायपुर के जिस ऐतिहासिक जैतूसाव मठ में महात्मा गांधी ने अस्पृश्यता निवारण के लिए दलित बालिका के हाथों कुएं का पानी निकलवा कर पीया था, अब वहीं प्रख्यात मूर्तिकार पद्मश्री जॉन मार्टिन नेलसन के हाथों बनाई हुई राष्ट्रपिता की विशिष्ट प्रतिमा को लोकार्पण 30 जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करने जा रहे हैं। चरखा लेकर सूत कातते बैठे महात्मा गांधी की ऐसी प्रतिमा नेलसन ने पहली बार बनाई है।
नेलसन ने बताया कि उन्होंने अभी तक ध्यानमग्न अथवा लाठी लेकर खड़े हुए बापू की प्रतिमाएं ही बनाईं है लेकिन जैतूसाव मठ जैसे ऐतिहासिक स्थल के लिए उन्होंने पहली बार सूत कातते हुए बापू की यह मूर्ति बनाई है।
उन्होंने बताया कि यह प्रतिमा ग्लास फाइबर की रिइन्फोर्स कास्टिंग से तैयार की गई है। 5.5 फीट ऊंची यह प्रतिमा 8 गुणित 6 फीट चौड़े मंच पर आधारित है। उल्लेखनीय है कि समूचे मध्यभारत में जैतूसाव मठ का अपना ऐतिहासिक महत्व है। सन 1916 में स्व. महंत लक्ष्मीनारायण दास इस मठ के महंत एवं सर्वराकार पद पर आसीन हुए। जिसके बाद यह मठ स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख केंद्र बिंदु बन गया।
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अछूत उद्धार के समय 1993 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आगमन इस मठ में हुआ था। उन्होंने अस्पृश्यता निवारण हेतु एक दलित बालिका के हाथों कुएं का जल ग्रहण किया था। इसके उपरांत महात्मा गांधी धमतरी-बलौदाबाजार भी गए थे।
श्री ठाकुर रामचंद्रजी स्वामी जैतूसाव मठ सार्वजनिक न्यास के न्यासी एवं अध्यक्ष गौसेवा आयोग महंत रामसुंदर दास, उपाध्यक्ष एवं रायपुर ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा तथा सचिव महेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि बापू की स्मृति में महंत लक्ष्मीनारायण दास ने सन 1945 में गांधी भवन का निर्माण कराया, जो तब से टीन शेड में था। इस शेड के जर्जर होने के बाद न्यास समिति ने 2019 में पुनरोद्धार करवाया। इसी समय यहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया तथा निर्णय के अनुरूप पद्मश्री जॉन मार्टिन नेलसन के द्वारा इस भव्य प्रतिमा का निर्माण किया गया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 30 जनवरी शनिवार को गांधी भवन जैतूसाव मठ पुरानी बस्ती रायपुर में इस प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे। मूर्तिकार जॉन मार्टिन नेलसन की बनाई यह प्रतिमा उनके सेक्टर-1 स्थित कर्मशाला से रायपुर रवाना कर दी गई है।

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