बिलासपुर । बच्चे किसी भी देश के लिए असाधारण आशीर्वाद होते हैं। मानवता के लिए बहुत बड़े उपहार से कम नहीं होते। यह बातें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और जिला न्यायाधीश अरविन्द शुक्ला ने निबन्ध प्रतियोगिता में शिरकत करने वाले बच्चों के बीच कही। न्यायाधीश अरविन्द शर्मा ने कहा कि व्यस्क और बच्चों दोनों की ही सरकार या किसी और को हर बात के लिए दोषी ठहराना ठीक नहीं। बल्कि सबको देश के प्रति अपने कत्र्वयों को समझने की जरूरत है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रयास से बच्चों और छात्रों के बीच मूलभूत कर्तव्य एवं अधिकार विष्य पर कोविडृ-19 के दौरान आनालन निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। क्रायक्रम में जिले के विभिन्न विद्यालयों के छात्र सम्मिलित हुए। जिला न्यायाधीश सभी छात्रों को संबोधित किया। अपने संक्षिप्त संबोधन में न्यायाधीश अरविन्द शर्मा ने कहा कि मै ना केवल रैंक धारकों को बल्कि हर एक छात्र छात्राओं को बधाई देता हूं जिन्होने मौलिक कर्तव्यों पर हमारे आनलाइन निबंध प्रतियोगिता में शिरकत किया। यह सभी युवा बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। और शिक्षक राष्ट्र निर्माण का संरक्षक है।
उन्होने कहा कि किसी भी राष्ट्रके लिे बच्चे असाधरण आशीर्वाद है। मानवता का सबसे बड़ा उपहार है। बच्चों के पास असीम क्षमता है। हमारे देश के प्रगति में उपयोग मानव संसाधन है। यह न केवल राष्ट्र का महत्वपूर्ण श्रोत है..बल्कि एक परिवर्तन एजेंट भी हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि वयस्कों और बच्चों से निवेदन है कि हर बात के लिए सरकार को दोषी ना ठहराएं। बल्कि सतत अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहें। देश की वृद्धि और विकास के लिए प्रत्येक की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है। जिला विधिक सेवा के अध्यक्ष ने दुहराया कि बच्चों के पास अद्धिवतीय विचार और अद्भूत कल्पना होती है। बच्चों को अपने रचनात्मक दिमाग का उपयोग देश के विकास और कल्याण के कार्य में करना चाहिए। आनलाइन निबन्ध प्रतियोगिता में कुल 75 विद्यार्थियों ने शिरकत किया। विशेषज्ञ समिति ने 10 विद्यार्थियों को चुना। तीन विद्यार्थियों को सर्वोत्तम पुरस्कार मेडल दिया गया। इस दौरान वेवीनार की आयोजक शिवांगी अग्रवाल, सभी न्यायिक मजिस्ट्रेट, शिक्षा विभाग के सहायक निर्देशक संजीव चोपड़ा, सहायक प्राध्यापक तरन्नुम खान, और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव बृजेश राय आनलाइन मौजूद थे।
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