लंदन । फाइजर की कोरोना वैक्सीन लगवाने के तीन हफ्ते बाद ब्रिटेन की एक नर्स कोरोना पॉजिटिव हो गई। फाइजर कंपनी दावा करती है कि उसकी वैक्सीन कोरोना से बचाने में 95 फीसदी सफल है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद इम्यूनिटी तैयार होने में समय लग सकता है और इसकी वजह से लोगों को टीकाकरण के बाद भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए। ब्रिटेन के वेल्स की रहने वाली नर्स का कहना है कि वह फाइजर की दूसरी खुराक लगवाने का इंतजार कर रही थी, तभी उनमें कोरोना के लक्षण आ गए। नर्स ने कहा कि वैक्सीन लगाने के बाद कोरोना होने की वजह से उनका दिल टूट गया और वह गुस्से में हैं। इससे पहले अमेरिका के सैन डियागो में रहने वाले नर्स मैथ्यू डब्ल्यू फाइजर की वैक्सीन लगवाने के छह दिन बाद कोरोना पॉजिटिव हो गए थे।
ब्रिटेन की नर्स ने कहा वैक्सीन लगवाने के बाद दिमाग को सुकून मिला और अहसास हुआ कि मैं सुरक्षित हो गई हूं। लेकिन यह सुरक्षा का भाव फर्जी निकला। नर्स ने यह भी दावा किया कि उन्हें बताया गया था कि वैक्सीन लगाने के 10 दिन बाद उन्हें कोरोना से सुरक्षा मिल जाएगी। नर्स ने बताया कि वैक्सीन लगवाने के तीन हफ्ते बाद वह खुद पॉजिटिव हो गई और उनका पार्टनर और बच्चा भी पॉजिटिव निकला। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोरोना वैक्सीन लोगों को गंभीर बीमार होने से भी बचाती है। इसकी वजह से अगर लोग वैक्सीन लगवाने के बाद भी पॉजिटिव हो जाते हैं तब भी गंभीर बीमार होने से बच जाएंगे।
ब्रिटेन के प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने कहा है कि फाइजर की वैक्सीन लगवाने के बाद ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस के कई जूनियर स्टाफ भी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उन्होंने कहा कि खुराक लेने के बाद सुरक्षा मिलने में कई हफ्ते का वक्त लग सकता है। फाइजर कंपनी ने कहा है कि उसने वैक्सीन से सुरक्षा मिलने की जांच सिर्फ उस स्थिति में की है जब व्यक्ति को 21 दिन में दूसरी खुराक मिल गई थी। वहीं, ब्रिटेन ने दूसरी खुराक दिए जाने के समय को तीन हफ्ते से बढ़ाकर 12 हफ्ते तक कर दिया है। इसकी वजह से फाइजर ने चेतावनी भी जारी की थी कि देरी से खुराक दिए जाने पर वैक्सीन से सुरक्षा मिलेगी, इस बात को साबित करने के लिए कोई डेटा मौजूद नहीं है।
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