अंतिम विदाईः साथी मनोज मंडावी को कंधा देकर सीएम भूपेश बघेल हुए भावुक, अंतेष्टि में आंखें हुई नम

by sadmin

कांकेर। कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता, 3 बार के विधायक रहे और बस्तर क्षेत्र में पार्टी का अहम आदिवासी चेहरा रहे मंडावी के निधन से सीएम भूपेश बघेल बेहद दुखी हैं। बेहद करीब माने जाने वाले मित्र मंडावी के अंतिम संस्कार के पहले घर से उनकी अर्थी उठी और सीएम ने जब कंधा दिया तो वे काफी भावुक हो उठे। आंखें नम हो गईं थीं।

सीएम भूपेश बघेल ने अपने साथी को कंधा देकर विदा किया। बघेल ने मंडावी को याद करते हुए दुख जताया। इससे पहले सीएम बघेल ने कहा था कि मनोज मंडावी ने अपने गांव की एक मंदिर देखने बुलाया था, लेकिन आज उनके गांव उनकी अंतिम यात्रा में जाना हो रहा है। सीएम ने बताया कि हम अच्छे मित्र थे, हर विधानसभा में साथ रहते थे। मनोज शिव भक्त थे। शिव मंदिर में देर तक बैठे रहते थे, अचानक निधन का समाचार प्राप्त हुआ तो विश्वास नहीं हुआ। बता दें कि मनोज मंडावी के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1990 के दशक में यूथ कांग्रेस से हुई थी। 3 बार विधायक रहे और बस्तर क्षेत्र में पार्टी का अहम आदिवासी चेहरा रहे मंडावी 2000 से 2003 के बीच राज्य में अजीत जोगी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार के समय गृह एवं कारागार मंत्री थे।

1998 में मनोज मंडावी पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे। छत्तीसगढ़ का गठन होने के बाद उन्होंने अजीत जोगी के शासन में पीडब्ल्यूडी और नगरीय प्रशासन विभाग की जिम्मेदारी भी संभाली थी। बता दें कि बस्तर संभाग के प्रवेश द्वार कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक और छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष मनोज मंडावी का 15 अक्टूबर की अर्धरात्रि दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सीने में दर्द उठने पर रात में उन्हें धमतरी के बठेना अस्पताल लाया गया था जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 

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