सीएम भूपेश बघेल शनिवार को बसना विकासखंड के गढ़फुलझर में बाबा बिसाशहे कुल कोलता समाज द्वारा आयोजित बाबा बिसाशहे कुल कोलता समाज वार्षिक स्नेह सम्मेलन व बंधु मिलन कार्यक्रम में शामिल हुए। उनके साथ छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण, गृह, व जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू, नगरीय प्रशासन विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया भी आए थे।
सीएम बघेल ने रामचंडी मंदिर पहुंच कर पूजा-अर्चना की और प्रदेश के सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने कोलता समाज को बधाई देते हुए कहा कि यह एक ऐसा समाज है, जो एक बड़े वर्ग को अपने साथ लेकर चलता है। यह समाज भारतीय समाज, संस्कृति एवं परंपरा को लेकर चलने वाला समाज है, क्योंकि इस समाज के अधिकांश लोग खेती-किसानी करने वाले लोग हैं। सीएम को पड़ौसी प्रदेश ओडिशा के पारंपरिक व्यंजन प्रमुख अरसापीठा से तौला गया।
उन्होंने कहा कि ओडिशा की संस्कृति प्राचीन संस्कृति है और छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से सामाजिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक रूप से इस राज्य से जुड़ा है। दोनों प्रदेश के लोगों का रोटी-बेटी का संबंध है। दोनों के अचार-विचार मिलते हैं। एक दूसरे की भाषा के साथ अब छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों खुलने से अग्रेजी भी सीखेंगे। कोलता समाज से गढ़फुलझर स्थित रामचंडी मंदिर स्थल को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने, सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा, मंगलभवन, सार्वजनिक शौचालय सरोवरों का सौंदर्यीकरण आदि की मांग पर सहमति दी और घोषणा की।
सीएम बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के अन्य स्थलों के साथ-साथ यह स्थल भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार गांव के विकास और किसानों के लिए लाभकारी योजनायें लायी है। किसानों का ऋण माफ़,किया। गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की हितग्राहियों को दो किस्त दी जा चुकी है। तीसरी किस्त दीपावली से पहले 17 अक्टूबर को दें दी जाएगी। सरकार सभी वर्गों के हितों का ध्यान रख कर काम कर रही है। कोलता समाज के अध्यक्ष हरिचरण प्रधान ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर लोकसभा सांसद चुन्नीलाल साहू, बसना विधायक देवेंद्र बहादुर, ज़िला पंचायत अध्यक्ष, कोलता समाज के पदाधिकारी, समाज के लोग और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।