तेल अवीव । इजराइल से एक बड़ी उम्मीद की खबर आ रही है। यहां वैज्ञानिकों ने पेट्री डिश में कल्चर्ड स्टेम कोशिकाओं का उपयोग करके गर्भ के बाहर दुनिया का पहला सिंथेटिक भ्रूण विकसित किया है। यह भ्रूण फर्टिलाइज़्ड एग्स को बिना इस्तेमाल किए तैयार किया गया। नतीजन शोधकर्ताओं को मानव स्पर्म की जरूरत ही नहीं पड़ी। वैज्ञानिक अब सिंथेटिक भ्रूण मॉडल का उपयोग करके प्रत्यारोपण के लिए जरूरी अंगों की कोशिकाओं को विकसित कर सकते हैं। इस अध्ययन की सफलता के बाद अब वैज्ञानिक कृत्रिम अंग बना सकेंगे जिसके बाद लोगों को ऑर्गन डोनेट करने की जरूरत नहीं रह जाएगी। कई मौकों पर देखा जाता है कि कई दुर्घटनाओं में लोग अपने अंग खो देते हैं। ऐसे में उन्हें अपंग होकर जीवन जीना पड़ता है। हालांकि इस एक्सपेरीटमेंट के सफल होने के बाद लोगों को कृतिम अंग मिल सकेंगे।
वैज्ञानिक मानव कोशिकाओं का उपयोग करके प्रयोग को फिर से करेंगे, जिसमें कृत्रिम मानव भ्रूण का उपयोग अंगों का उत्पादन करने के लिए किया जाएगा। यह सब सुनने में थोड़ा फ़िल्मी लगता है, लेकिन शोधकर्ताओं का तर्क है कि यह अंगदाता संकट को हल करने के लिए एक अविश्वसनीय रूप से कुशल तरीका होगा जो मानव सभ्यता को हमेशा के लिए बदल देगा। एमआईटी टेक्नोलॉजी रिव्यू के साथ एक साक्षात्कार में, बायोटेक कंपनी रिन्यूवल बायो के संस्थापक और पिछले माउस अध्ययन के लेखक, जैकब हैना ने कहा कि वे मानव कोशिकाओं के साथ इसे फिर से बनाकर रिसर्च को अगले स्तर तक ले जाने का इरादा रखते हैं। इस प्रयोग से लगभग 40 या 50 दिनों की गर्भावस्था के समान भ्रूण पैदा होंगे, जो छोटे अंगों के साथ पूर्ण होंगे जिन्हें काटा जा सकता है। फिर इन्हें डोनर अंगों, या भ्रूण कोशिकाओं के रूप में विकसित किया जाएगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस कामयाबी से लाखों लोगों का जीवन बचाया जा सकेगा। स्वास्थ्य संसाधन और सेवा प्रशासन के अनुसार, वर्तमान में अमेरिका में लगभग 106,000 लोग ऑर्गन डोनर्स की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक दिन 17 लोग अंगों की कमी के कारण अपनी जान से हाथ धो रहे हैं।
43