प्रेस से मिलिये कार्यक्रम में रखी अपनी बात
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि मैं भाजपा में कभी नहीं जाऊंगा। मेरे परिवार की 5 पीढिय़ां कांग्रेस में रही हैं। कांग्रेस से बाहर जाकर सोच पाना कठिन है। जहां तक प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की बात है तो उस पर अंतिम रूप से अभी हां या ना नहीं हुआ है। रायपुर प्रेस क्लब में आज आयोजित ‘प्रेस से मिलिएÓ कार्यक्रम में सिंहदेव अपनी बात रख रहे थे। टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव के समय पार्टी का घोषणा पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी मुझे मिली थी। उस घोषणा पत्र की चर्चा हमेशा होती रही है। 2018 में जब नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आए डॉ. चरणदास महंत, ताम्रध्वज साहू मुझे एवं भूपेश बघेल को दिल्ली बुलाया गया था। इन्हीं में से एक को मुख्यमंत्री बनना था। मुख्यमंत्री पद को लेकर वहां जो चर्चा हुई थी वह मीडिया के माध्यम से आज तक चली आ रही है। जहां तक मेरे बोलने का सवाल है तो खुद को अनुशासित व्यक्ति मानता हूं। पार्टी का भी अनुशासन होता है। जहां तक परिवर्तन को लेकर बात है तो उस पर अंतिम रूप से हां या ना नहीं हुआ है।मुझे राजनीति से जुड़े सीधे तौर पर 40 साल हो गए। 1983 में मैं नगर पालिका अध्यक्ष बना था। 2008 में पहली बार विधायक बना। 2013 में विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष बनने का अवसर मिला। 2018 में कांग्रेस की चुनी हुई सरकार के मंत्री मंडल में शामिल हुआ। सरकार में रहते हुए हम ज्यादा से ज्यादा काम करना चाहते हैं। लेकिन परिस्थितियां और आर्थिक सीमाओं के कारण कुछ काम बचे हुए रह जाते हैं। कुछ चीजें अभी भी भविष्य के गर्भ में हैं। बातों को अंजाम तक ले जाने का समय आ गया है। कितने विधायक किसके साथ हैं क्या यह मायने रखता है, यह सवाल किए जाने पर सिंहदेव ने कहा कि यहां पर आंकड़े मायने नहीं रखते। जब अजीत जोगी का मुख्यमंत्री पद के लिए चयन हुआ था कितने विधायक उनके साथ थे? अंतिम फैसला आलाकमान का ही होता है। आम आदमी की पार्टी (आप) का छत्तीसगढ़ में क्या भविष्य दिखता है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि पंजाब को छत्तीसगढ़ से जोड़कर नहीं देखा जा सकता। पंजाब से ‘आपÓ के चार सांसद पहले ही चुने जा चुके थे। इस तरह वहां पर उनकी जमीन पहले से कहीं न कहीं मजबूत थी। छत्तीसगढ़ में नगर निगम से लेकर पालिका या पंचायत तक कहीं पर भी ‘आपÓ का थोड़ा बहुत भी प्रभाव हो ऐसा तो मुझे नजऱ नहीं आता। कांग्रेस के घोषणा पत्र में शराब बंदी के वादे को लेकर सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा कि इस पर जब मेरी राय मांगी गई थी तो मैंने कहा था कि आदिवासी क्षेत्रों में वहां की अपनी अलग व्यवस्था होती है। वहां पर शराब को बंद नहीं किया जा सकता। शराब बंदी को लेकर बार-बार सवाल उठते आ रहा है तो पहले इस बात पर गौर करना होगा कि एक तरफ 5-6 हजार करोड़ का नुकसान है तो दूसरी तरफ सामाजिक व्यवस्था। सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुझसे पूछा था कि मंंत्री के रूप में कौन सा विभाग लेना चााहेंगे। जो विभाग मुझे मिला उसमें मैंने पूरी ईमानदारी के साथ काम करने की कोशिश की। जहां तक एक देश एक टैक्स का जो तर्क सामने आते रहा था उसमें कोई आपत्ति नहीं है। केन्द्र में जब यूपीए की सरकार थी तब भी जीएसटी पर चर्चा होती रही थी। लेकिन कुछ मामलों में टैक्स का अधिकार राज्य से छिनकर केन्द्र के पास चले जाए इस पर न हम पहले सहमत थे और न अब हैं। जब छत्तीसगढ़ राज्य बना तब से अमीर धरती के गरीब लोग की बात होती रही है। जीएसटी की जो व्यवस्था थोपकर रखी गई है उससे प्रदेश के साथ कैसे न्याय हो पााएगा। केन्द्र यदि राज्य के प्रति नेगेटिव रवैया अपनाए रखे उससे काम नहीं चलेगा। हर प्रदेश को अपने विकास के लिए ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू चाहिए। जीएसटी के नाम पर प्रदेश की व्यवस्था में केन्द्र सरकार की ज्यादा दखलंदाजी ठीक नहीं। सिंहदेव ने कहा कि पंंचायत मंत्री होने के नाते मैं स्वीकार करता हूं कि प्रधानमंत्री आवास योजना में हमें सफलता नहीं मिल पाई। राज्यांश एवं केन्द्रांश पर मामला ऐसा उलझा कि आवास योजना को जिस तेजी से आगे बढऩा था वह नहीं बढ़ पाई। हमारा प्रयास रहा कि आबादी वाले क्षेत्र में हर दस किलोमीटर की दूरी पर सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था हो। स्वच्छ भाारत मिशन के तहत यह काम करने का प्रयास किया गया। नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना एवं मेडिकल स्टॉफ बढ़ाने की दिशा में भी हमारे कदम आगे बढ़े। कवर्धा एवं महासमुन्द में मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित हैं। दुर्ग के निजी मेडिकल कॉलेज का अधिग्रहण किया गया है जो कि जल्द शासकीय हो जाएगा। सिंहदेव ने कहा कि यह सही है कि कोरोना ने बड़ी परेशानी में डाला लेकिन उससे स्वास्थ्य संरचना को सुदृढ़ बनाने में मदद भी मिली। हर जिला अस्पतााल में ऑक्सीजन युक्त सौ बिस्तरों की व्यवस्था की गई।
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