उत्कृष्ट सेवा की मिसाल बनी जेएलएन अस्पताल का ईएनटी विभाग

by sadmin

कोविड के दौरान ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज में दिया बेहतर योगदान.

भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र का प्रतिष्ठित मुख्य चिकित्सालय जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र, सेक्टर-9, भिलाई द्वारा कोविड महामारी के प्रथम और द्वितीय दौर के दौरान विभिन्न विभागों ने कोरोना मरीजों के ईलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनमें से एक ऐसा ही महत्वपूर्ण विभाग है नाक, कान एवं गला विभाग। नाक, कान एवं गला विभाग निरंतर पिछले कई वर्षो से उत्कृष्ट सेवायें प्रदान कर रहा है। इस विभाग में सामान्यतः मुंह और गले की कैंसर की सर्जरी, फेशियो मैक्सिलरी सर्जरी, ब्राॅन्कोस्कोपी, और नाक की एंडोस्कोपी सर्जरी की जाती है। इनके साथ-साथ इस विभाग ने कोविड के बाद उत्पन्न ब्लैक फंगस के इन्फेक्शन के मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज कर एक मिसाल कायम की है।

ब्लैक फंगस के बढ़ते खतरें-
कोविड के दूसरे दौर के बाद अन्य प्रांतो की तरह छत्तीसगढ़ में भी ब्लैक फंगस के मरीजों में बेहताषा वृद्धि हुई, जिससे भिलाई-दुर्ग भी अछूता नहीं रहा। ब्लैक फंगस, कोविड इन्फेक्शन के बाद ज्यादातर डायबिटीज के मरीजों के नाक और साइनस में उत्पन्न होता है और इसी रास्ते से आँखों और मस्तिष्क में भी फैल जाता है। यदि इसका वक्त रहते जाँच तथा इलाज कर, रोकथाम नहीं की जाती तो आँखों की रोशनी और जान जाने का खतरा बढ़ जाता है।

ब्लैक फंगस का सफल इलाज-
ब्लैक फंगस के इलाज में जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र, सेक्टर-9 के नाक, कान एवं गला विभाग की विभाग प्रमुख डॉ.नीता शर्मा के नेतृत्व में डॉ.गिरीष उमरेड़कर, डॉ. प्राची मेने, डॉ. अश्विन जायसवाल और डी.एन.बी. डॉक्टर्स की पूरी टीम, रेडियोलाॅजी, समस्त ऑपरेशन थियेटर, एफ-1 वार्ड एवं आईसीयू का मेडिकल स्टाफ, पैथोलाॅजी, नेत्र, मेडिसीन एवं दंत विभाग की प्रतिबद्धता से इस खतरनाक इन्फेक्शन का पूर्णतः ईलाज करने में सफलता प्राप्त की है।
जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र, सेक्टर-9 में कुल 65 ब्लैक फंगस के मरीजों का सफलतापूर्वक ईलाज किया गया। इनमें से 35 मरीजों का ऑपरेशन निःश्चेतना विभाग प्रमुख डॉ. विनीता द्विवेदी और उनके टीम के सहयोग से किया गया।

टीम वर्क से मिली सफलता-
ब्लैक फंगस के सम्पूर्ण ईलाज में ऑपरेशन (नाक और साइनस) के साथ-साथ महत्वपूर्ण दवाईयां जैसे एंटीफंगल इंजेक्शन लायपोसोमल एम्फोटेरीसीन बी और टेबलेट पोसाकोनाजोल की भी अत्यन्त आवश्यकता होती है। जिसकी उपलब्धता एक जटिल प्रक्रिया थी, जिसकी सुचारू रूप से मरीजों को उपलब्ध करवाने के लिये भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता तथा सेल प्रबंधन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। जिसकी वजह से ब्लैक फंगस जैसे खतरनाक इन्फेक्शन पर विजय प्राप्त की जा सकी।
यह सम्पूर्ण कार्य कार्यपालक निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें) डॉ. एस.के. ईस्सर के कुशल मार्गदर्शन तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एम. रविन्द्रनाथ एवं डॉ. प्रमोद बिनायके के द्वारा समय-समय पर प्रदत्त दिशा निर्देशों के साथ किया गया। इसके साथ ही इस इलाज की प्रक्रिया में जिला प्रशासन का भी उल्लेखनीय सहयोग प्राप्त हुआ।

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