-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कौही में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए कार्य शुरू
-कार्य पूरा होने के पश्चात सिंचाई क्षमता बढ़कर हो जाएगी 2500 हेक्टेयर
दक्षिणापथ, दुर्ग। किसानों को राहत प्रदान करने पुरानी लिफ्ट इरीगेशन योजनाओं में व्यापक तौर पर उन्नयन का कार्य करते हुए बड़े पैमाने पर किसानों को लाभ देने के कार्य का आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर कौही लिफ्ट इरीगेशन परियोजना के उन्नयन के लिए कार्य तेजी से हो रहा है। 1986 में खारून नदी पर बने इस लिफ्ट इरीगेशन स्कीम में अभी मात्र 225 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो पा रही है। अब 29 मीटर तक ऊंचाई बढ़ाने पर लगभग 2500 हेक्टेयर इस प्रकार ग्यारह गुना अधिक रकबे की सिंचाई क्षमता का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। जल संसाधन विभाग के एसडीओ एनआर वर्मा ने बताया कि कौही उद्वहन सिंचाई योजना के पूर्ण होने पर ग्राम कौही, बोरेंदा, जरवाय, केसरा, खम्हरिया, डंगनिया, तरीघाट, सोनपुर और सिपकोना के 2500 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का लाभ मिल पायेगा। सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता सुरेश पांडे ने बताया कि इंटेक वेल का रेडियस भी विस्तारित किया गया है। पहले इसका रेडियस छह मीटर था, अब इसका रेडियस बारह मीटर हो गया है। उन्होंने बताया कि एक सौ पचास एचपी के पांच वीटी पंप इंस्टाल किये जा रहे हैं जिससे लिफ्ट इरीगेशन की क्षमता में कई गुना वृद्धि हो जाएगी। इसके साथ ही संपूर्ण नहर प्रणाली का लाइनिंग कार्य, कंट्रोल रूम एवं कर्मचारी निवास भवन आदि भी बनाया जा रहा है। बीते दिनों कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने भी कौही में निर्माणाधीन इस योजना का निरीक्षण किया था और तेजी से निर्माण कार्य पूरा करने के निर्देश दिये थे। इस संबंध में जनपद उपाध्यक्ष अशोक साहू ने बताया कि कौही में लिफ्ट इरीगेशन की क्षमता बढ़ाने के मुख्यमंत्री के निर्णय से इस क्षेत्र के सैकड़ों किसानों को राहत पहुँची है। जनपद सदस्य रमन टिकरिहा एवं कौही की सरपंच श्रीमती मनोरमा टिकरिहा ने भी कहा कि इस निर्णय से आसपास के किसान काफी खुश हैं यह बहुत अच्छा कार्य हुआ है।
जब पहली बार कौही आये थे तभी घोषणा की थी
मुख्यमंत्री ने अपने कौही के पहले दौरे के अवसर पर ही लिफ्ट इरीगेशन स्कीम को अपग्रेड करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा था कि लिफ्ट इरीगेशन स्कीम के माध्यम से सिंचाई की बड़ी संभावनाएं बनती हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर दुर्ग जिले में अन्य जल संसाधन आधारित संरचनाओं की मरम्मत भी की जा रही है तथा थोड़े से खर्च में ही इनकी कार्यक्षमता में कई गुना वृद्धि हो पाई है।
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