दक्षिणापथ, दुर्ग। छत्तीसगढ़ सरकार मुफ्त शिक्षा देने का ढिंढोरा पीट रहा है, वहीं कई शासकीय स्कूलों मे प्राचार्य द्वारा अवैध तरीके से स्थानांतरण प्रमाण पत्र देने के नाम पर 950 रूपए वसूला जा रहा है। शिक्षा विभाग के कई लोग सरकारी नियमो को धता बताते हुए अवैध वसूली में लगे हुए है।
मिली जानकारी के मुताबिक शास.उ.मा. विद्यालय रसमड़ा के एक गरीब छात्र को हप्ता भर से टी.सी. के लिए चक्कर लगाना पड़ा । अभी स्कूल प्रारंभ भी नहीं हुआ लेकिन प्राचार्य ने पूरे वर्ष का शुल्क लेकर टी.सी. प्रदान किया, छात्र से ली गई शुल्क की रसीद भी नहीं दी गई रसीद मांगने पर डी.ई.ओ. का हवाला देते हुए बतलाया गया कि किसी भी विद्यार्थी को रसीद नहीं दिया जाता है। इस संदर्भ में डी.ई.ओ प्रवास बघेल को जानकारी दी गई उनके अनुसार रसीद देने का कोई प्रावधान नहीं है, जब तक लिखित शिकायत नहीं होता मौखिक निवेदन पर वे कोई कार्यवाही नहीं कर सकते उनके पास सैकड़ों काम हैं पीडि़त व्यक्ति जहां चाहे शिकायत कर सकते हैं। यक्ष प्रश्न है कि यदि शासकीय विद्यालयों में रसीद देने का प्रावधान नहीं है तो प्राप्त होने वाले शुल्क का प्रबंधन या तो भगवान भरोसे होता है अथवा औपचारिक खानापूर्ति के साथ। छत्तीसगढ़ शासन इस दिशा में चिंतन करे एतर्थ अनुरोध सह शिकायत पत्र मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, राज्यपाल सहित पीएमओ कार्यालय को प्रेषित किया जा रहा हैं।
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