पुल-पुलियों के निर्माण से अब जुड़ेगे दक्षिण अबूझमाड़ के सैकड़ों संवेदनशील गांव

by sadmin

ग्रामीणों को ब्लाक मुख्यालय पहुंचने में होगी आसानी


दक्षिणापथ, जगदलपुर(केशव सल्होत्रा)।
छत्तीसगढ़ के बस्तर के विभिन्न संवेदनशील इलाकों से गुजरती प्राणदायिनी इंद्रावती नदी पर फोर्स की मदद से जिला प्रशासन के दीगर विभाग चार बड़े पुल बनाने में जुट गए हैं। जिनमें छिंदनार का पुल आने वाले कुछ ही समय के अंदर तैयार हो जाएगा। जबकि बड़े करका,बेदरे और पश्चिम बस्तर बीजापुर के ब्लाक भैरमगढ़ के पास फुंडरी में बाकी तीन पुल अगले 12 महीने से पहले बन कर तैयार हो जाएंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इन पुलों के बनते ही दक्षिण अबूझमाड़ के सैकड़ों गांव राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ जाएंगे। साथ ही दूरदराज के इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों की सीधी पहुंच ब्लाक मुख्यालयों तक हो जाएगी। पुल बनाने से सड़कों के निर्माण का काम भी तेज गति से होगा। इतना ही नहीं इससे किसी भी क्षेत्र में बिजली,आंगनबाड़ी, उपस्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्कूल खोलने में आसानी हो जाती है। इस प्रकार की स्थिति बनते ही पुलिस की पकड़ संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ जाती है।
सुरक्षा के साथ साथ मूलभूत सुविधाएं होनी चाहिए मुहैया
बकौल आईजी बस्तर रेंज सुंदरराज पी प्रशासन के अन्य विभागों को साथ लेकर पुलिस तेजी से इस काम को पूरा करवा रही है। फोर्स का उद्देश्य साफ है कि सुरक्षा के साथ साथ सभी को मूलभूत सुविधाएं हर हाल में मिलनी ही चाहिए। अंदरूनी इलाकों में जब ग्रामीणों को तमाम सुविधाएं मुहैया होती हैं तो नक्सलियों का आधार क्षेत्र खत्म हो जाता है। इसी के चलते नक्सली विकास कार्यों का विरोध करते हैं। जबकि पुलिस हर क्षेत्र में विश्वास और सुरक्षा के साथ साथ विकास को प्राथमिकता पर रख रही है।
-पुल ही नहीं सड़क मार्ग की कनेक्टिविटी पर भी अफसरों का फोकस
बस्तर के सुदूर क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा कर नक्सली समस्या को काबू में करने जुटी पुलिस को अब सफलता मिल रही है। इसे देखते हुए जवानों के हौंसले भी बुलंद हैं। यही कारण भी है कि तेजी से पुलों के निर्माण के साथ साथ दूरदराज के ग्रामीण इलाकों को आपस में जोडऩे सड़कों की कनेक्टिविटी पर भी पुलिस के अधिकारी गंभीरता से फोकस कर रहे हैं। इस अभियान के तहत 45 किमी की बारसूर-गीदम रोड का काम तेजी से पूरा करवाया गया है। इससे बस्तर के मशहूर पर्यटन स्थल चित्रकोट से गीदम आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसी साल के अंत तक अरनपुर से जगरगुंडा तक 30 किमी और बासागुड़ा से जगरगुंडा तक 32 किमी तक की सड़क तैयार हो जाएगी। मुख्य बात यह है कि इस कड़ी से उसूर से पामेड़, चिंतलनार से किश्टराम और भेजी से चिंतागुफा आपस में पूरी तरह से कनेक्ट हो जाएंगे।

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