दक्षिणापथ, दुर्ग। अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 12 दंपत्तियों को आज प्रोत्साहन राशि दी गई। प्रत्येक दंपत्ति को ढाई लाख रुपए का चेक कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने प्रदान किया। इसके लिए शासन ने 30 लाख रुपए का बजट आवंटन किया था। अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन ऐसे दंपत्ति को प्रदाय किया जाता है जिसमें सवर्ण हिंदू जाति के लड़के अथवा लड़की ने अनुसूचित जाति समुदाय की लड़की अथवा लड़के से धार्मिकध्पंजीयन पद्धति से वैध विवाह संपन्न किया हो। हिंदू विवाह अधिनियम 1955 के तहत विवाह प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र व अंकसूची आदि संलग्न कर दंपत्ति द्वारा आवेदन करने के उपरांत गठित समिति द्वारा स्वीकृत की जाती है। छत्तीसगढ़ शासन आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विभाग मंत्रालय द्वारा अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन नियम के तहत को प्रोत्साहन राशि 2.5 लाख एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। योजना का उद्देश्य अस्पृश्यता उन्मूलन की दिशा में गैर अनुसूचित जाति युवक या युवती द्वारा अनुसूचित जाति के युवक या युवती से विवाह कर उठाए गए कदम के फलस्वरूप उन्हें पुरस्कृत एवं सम्मानित करना है। इसी के योजना के तहत जिले के 12 दम्पत्तियों को कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के द्वारा प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। इस अवसर पर सहायक श्रमायुक्त श्रीमती प्रियंवदा रामटेके एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे ।
दंपत्ति जिन्हें राशि प्रदान की गई
मनोज यादव और श्रीमती राखी, मनोज कुमार कौशिक और श्रीमती रिद्धि, परमानंद मारकंडे और श्रीमती संगीता, मिथुन कुमार और श्रीमती तोमेश्वरी, यशवंत और श्रीमती आरती, लोकेश नारंग और श्रीमती नेहा साहू, तुलेंद्र यादव और श्रीमती सिद्धि गायकवाड़, शशांक तिवारी और श्रीमती भूमिका, हेमंत और श्रीमती वेणु, प्रखर शरण सिंह और श्रीमती पुष्पा मारकंडे, दिनेश कुमार और श्रीमती यशोदा और सूरज कुमार और श्रीमती यशोदा का हुआ सम्मान।
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