दक्षिणापथ. जब देश में अचानक से कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने रफ्तार पकड़ ली थी और जमकर कहर बरपाया था। कोविड की दूसरी लहर में प्रतिदिन लाखों लोग संक्रमित हो रहे थे और हजारों की जान जा रही थी। स्वास्थ्य प्रणाली बुरी तरह चरमरा गई थी। अस्पतालों में ऑक्सीजन, दवा, बेड और वेंटिलेटर की भारी कमी हो गई थी। हालांकि, अब महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप कम हो गया है। इस बीच, विशेषज्ञों ने जल्द महामारी की तीसरी लहर के आने की चेतावनी दी। तीसरी लहर की चेतावनी को देखते हुए सरकार लगातार स्वास्थ्य प्रणाली को उन्नत करने में जुटी है ताकि आने वाली चुनौती से निपटा जा सके। आइए बताते हैं कि देश की स्वास्थ्य प्रणाली को कैसे दुरुस्त किया..
देश में 90 दिन पहले महामारी की दूसरी लहर ने अचानक से विकराल रूप ले लिया था। स्वास्थ्य प्रणाली ने घुटने टेक दिए थे। ऑक्सीजन के अभाव में लोगों की सांसें रुक जा रहीं थीं। अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, दवाओं और एंबुलेंस के लिए मरामारी मची थी। लोग इलाज के अभाव में अस्पताल के बाहर और फुटपाथ पर ही दम तोड़ दे रहे थे। भारत में दूसरी लहर की तबाही ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जमकर सुर्खियां बटोरीं। अमेरिका और रूस समेत कई देशों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को महामारी से निपटने के लिए विफल रहने पर जमकर फटकार लगाई। वहीं लाचार और बेबस महसूस कर रहे आम लोगों में मोदी सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश पैदा हो गया।
लोकप्रियता में आई कमी तो सक्रिय हुई सरकार
मोदी सरकार ने महामारी की दूसरी लहर में अपनी लोकप्रियता में कमी आते देख स्वास्थ्य प्रणाली को दुरुस्त करने पर जोर दिया। तेजी से राज्यों में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने की प्रक्रिया शुरू की। दवाओं का स्टॉक, बेड और वेंटिलेटर जैसी आवश्यक सुविधाओं में इजाफा किया।
केंद्र ने अप्रैल की तुलना में ऑक्सीजन संयंत्र, बेड, वेंटिलेटर, दवओं के उत्पादन समेत सभी जरूरी सुविधाओं में भारी बढ़ोतरी की है ताकि तीसरी लहर में ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सके।