1 साल बाद महादेव टिकरा से लापता बालिका का नर कंकाल मिला

by sadmin

बालिका के परिजनों ने कपड़ों को देखकर अपने बच्चे होने का किया दावा
पत्थलगांव पुलिस ने डीएनए टेस्ट एवं कई अनसुलझे सवालों के बाद मामले की पुष्टि करने की कहीं बात
दक्षिणापथ, पत्थलगांव
। शनिवार बीते एक वर्ष से लापता 4 वर्षीय मासूम सी बच्ची रुचिका भारद्वाज का शव का कंकाल पतरापाली से दूर खेतो के पास बने तालाब में मिला है। पुलिस ने शव के अवशेष का पंचनामा कर लिया है। वही परिजनों ने भी शव की शिनाख्त अपनी बच्ची रुचिका के रूप में किया है। थाना प्रभारी संत लाल आयाम ने बताया की बच्चे का शव तालाब से बरामद होने की सुचना पर वे अपनी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच कर शव के कंकाल की शिनाख्ती हेतु परिजनों को बुलाये थे परिजनों ने कंकाल के पास पड़े कपड़ो से लापता बच्ची रुचिका भारद्वाज की शिनाख्ती कर दी है।वही बच्चे का शव मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। विदित हो की बीते एक वर्ष से ही पत्थलगांव क्षेत्र के महादेव टिकरा से गायब हुई 4 वर्षीय मासूम रुचिका भारद्वाज की कोई जानकारी नहीं मिल रही थी इस सम्वेदनशील मामले ने पुलिस जांच को भी संदेह के दायरे में ला दिया था ठीक एक साल बाद अब लापता 4 वर्षीय मासूम बच्ची रुचिका भारद्वाज का शव पतरापाली के तालाब के पास मिला है। विदित हो की पूर्व में सरगुजा आईजी रतनलाल डांगी महादेव टिकरा रूचिका के घर पहुंचकर उनके परिजनों से मुलाक़ात कर इस मामले में पुलिस को सुराग देने वाले को 5 हजार रुपये का ईनाम देने की घोषणा भी की थी लेकिन उसके बावजूद कही से कोई सुराग नही मिल सका था आखिरकार अब बच्ची का शव का कंकाल बरामद हुवा है।

पर इस कंकाल के अचानक खेतो के पास बने तालाब के पास मिलने से कईं बातों का उठना लाजमी है। की इतने दिनों बाद ये कंकाल तालाब के पास कैसे मिली?? क्या इस तालाब में लोग शौच या नहाने के लिए कोई नही आते थे ? अगर ये शव वही पर था तो उससे दुर्घन्ध क्यो नही फैली ??आस पास में खेतों में काम करने वाले लोग इसे कैसे नही देख पाए ???इस तरह की कई अहम सवाल लोगों को कुरेद रहे हैं। जो रुचिका भारद्वाज के लापता होने से अब मिले कंकाल जिसे परिजनों ने कंकाल के पास मिले कपड़ो से रुचिका की ही होने की बात कही है। जो पुलिस की जांच और डीएनए जांच से ही पुष्टि हो पाएगी।
पत्थलगांव अनुविभागीय अधिकारी पुलिस योगेश देवांगन ने बताया कि हम तक रुचिका के शव मिलने की खबर उसके परिजनों ने किया था जिस पर हमारे तद्वारा मोके पे पहुच कर कंकाल को बरामद किया है। जिसे रुचिका के परिजन रुचिका के रूप में शिनाख्त कर रहे है। पर हमारा मानना है। कि ये कंकाल यहां कैसे पहुँचा क्या इसे तालाब से निकाला गया है। या ये यही पे था और अगर ये यही पर था तो किसी का नजर इसपे कैसे नही गया इस तरह की अनेक बाते हमारे पास है। इस पे डॉक्टरी रिपोर्ट के साथ हमे डीएनए जांच तक इंतजार करना होगा सही रूप से डीएनए जांच रिपोर्ट के आने पर ही इस कंकाल को रुचिका के रूप में पुष्टि हो पाएगी। अभी पुलिस अपनी तरफ से जांच कर रही है। सभी पहलुओं पे पुलिस जांच करे आगे बढ़ेंगी।
देखना यह है कि अब पुलिस इस मामले को कितनी गति दे पाती हैं और मामले पर से कब पर्दा उठा पाती हैं

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