अलविदा तनाव मुक्ति शिविर कल से, ब्रम्हाकुमारी पूनम बहन खुशहाल जीवन के लिए देगी टिप्स

by sadmin

दुर्ग, ShorGul.news । प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा तनाव मुक्ति के लिए 7 मई से पुरानी गंजमंडी गंजपारा में अलविदा तनाव शिविर का आयोजन किया गया है। शिविर में इंदौर से पधारी तनाव मुक्ति विशेषज्ञ ब्रम्हाकुमारी पूनम बहन (सीएस) तनाव मुक्ति के लिए टिप्स देकर लोगों के जीवन को खुशहाल बनाएंगी। यह नव दिवसीय शिविर 15 मई तक चलेगा। जिसका प्रतिदिन संध्या 7 बजे से रात साढ़े 8 बजे तक लोग नि:शुल्क लाभ ले सकते है। शिविर में हजारों लोगों के शामिल होने की संभावना के चलते प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय राजऋषि भवन केलाबाड़ी की ब्रम्हाकुमारी बहनें व भ्राता तैयारियों में जुटे हुए है।तनाव मुक्ति के लिए अलविदा तनाव शिविर के माध्यम से पिछले 25 वर्षो से लोगों का मार्गदर्शन कर रही ब्रम्हाकुमारी पूनम बहन ने शनिवार को मीडिया से चर्चा में कहा कि वर्तमान परिवेश में प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी वजह से परेशान है। जो तनाव का कारण बना हुआ है। तनाव का समाधान केवल अध्यात्म में ही है।

जीवन की यात्रा को आनंदमय बनाने का नाम ही अलविदा तनाव शिविर है। उन्होने कहा कि तनाव मुक्ति के लिए लोग औषधि या अन्य किसी साधन का सहारा लेते है, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिलता है। तनाव मुक्ति के लिए अध्यात्म ही स्थाई सहारा है। जिसका सांईटिफिक प्रुफ  है। उन्होने बताया कि नव दिवसीय शिविर में चिंता रहित जीवन शैली, खुशियों से मुलाकात, स्वयं को समझे, गहन ईश्वरीय अनुभूति, सुखी जीवन का रहस्य, मेडिटेशन से समस्याओं का समाधान, आलौकिक, वल्र्ड ड्रामा का रहस्य, परमात्मा के महावाक्य मुरली के विषय पर चर्चा की जाएगी। शिविर को रोचक बनाने प्रत्येक दिन को अलग-अलग उत्सव का रुप दिया गया है।ब्रम्हाकुमारी पूनम बहन ने कहा कि मन कमजोर होगा, तो छोटी-छोटी बातें भी बड़ी हो जाती है। व्यक्ति तनाव से घिर जाता है। आपसी रिश्ते बिगड़ जाते है। शिविर के माध्यम से लोगों की जीवन को नई दिशा मिलेगी।

आपसी रिश्ते में सुधार आएँगे। लोगों को तनाव से मुक्ति मिलेगी। ब्रम्हाकुमारी पूनम बहन ने कहा कि अनियमित दिनचर्या भी तनाव के बढऩे का कारण है। लोग अपनी प्राचीन संस्कृति को भूल गए है। खानपान में परहेज नही है। सोने-उठने के समय का पालन नही हो रहा है। लोगों की सोच बदल गई है। नाकारात्मक सोच हावी हो गई है। तनाव को दूर करने में साकारात्मक सोच की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए हमेशा सकारात्मक सोच रखें और  दिनचर्या को नियमित बनाकर खुशहाल रहे। मीडिया से चर्चा के दौरान प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय दुर्ग की संचालिका ब्रम्हाकुमारी रीटा बहन, चैतन्य प्रभा बहन, रुपाली बहन, भ्राता युवराज उमरे भी मौजूद थे।

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