प्राथमिक स्कूल से ही पढ़ाई छत्तीसगढ़ी में अनिवार्य रूप से हो- डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर

by sadmin

रायपुर, ShorGul.news ।  छत्तीसगढ़ी भाषा जागरण को लेकर मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी जगार पदयात्रा की शुरुआत 82 वर्षीय नंदकिसोर सुकुल, सिद्धेश्वर पाटनवार, वरिष्ठ रंगकर्मी लोक गायक संचालक लोकरंजनी लोककला मंच डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर, डॉ. इंद्रदेव यदु ने  सुबह 8 बजे कलेक्ट्रेट परिसर स्थित छत्तीसगढ़ी महतारी प्रतिमा में राजगीत के साथ हुई। कलेक्ट्रेट चौक से विधानसभा के लिए पदयात्रा निकाली, जिन जगहों से यात्रा गुजरी वहां लोगों में महतारी भाषा के प्रति उत्सुकता दिखी।
पदयात्रा के अगुवाई करते हुए मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी के संरक्षक नंदकिसोर सुकुल ने कहा कि यह हम सबके लिए दुखद है कि छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने के 22 साल बाद भी हमें अपनी चिन्हारी महतारी भाषा छत्तीसगढ़ी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, इससे ज्यादा दुखद तो यह है कि जिस छत्तीसगढ़ विधानसभा में छत्तीसगढ़ी भाषा को जन भाषा बनाने का संकल्प 2007 में पारित हुआ था उसी विधानसभा में राजभाषा बनने के 15 साल बाद छत्तीसगढ़ी में अब तक सरकारी काम-काज शुरू नहीं हो सका है। यही हाल सभी सरकारी विभागों की है सचिवालय मंत्रालय यहां तक राजभाषा आयोग तक का है। ऐसे में हमने एक बार विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत को एक ज्ञापन सौप कर छत्तीसगढ़ी भाषा में कार्यवाही का संचालन और प्रकाशन की मांग की है।
लोगों से आह्वान करते हुए नंदकिसोर सुकुल ने कहा कि जब तक छत्तीसगढ़ी भाषा में प्राथमिक शिक्षा अनिवार्य रूप से पूर्ण माध्यम के साथ शुरू नहीं हो जाती और सरकारी कामकाज शुरू नहीं हो जाता अंतिम सांस तक संघर्ष करता रहूंगा चाहे लड़ते-लड़ते जान क्यों ना चली जाए । इस अवसर पर संबोधित करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी लोक गायक डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर ह कहिन कि ये सोचे के बात हे  के अतका सब होय के बाद घलोक छत्तीसगढ़ी ह अभियो भी छत्तीसगढ़ – राज के सरकारी – कामकाज अउ पढ़ई- लिखई के भासा नइ बन पाए हे।  छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन पहुंचने के बाद विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत व टी.एस. सिंहदेव से मिलकर सभी ने छत्तीसगढ़ी मे लिखे एक ज्ञापन सौंपे।

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