भानुप्रतापपुर, ShorGul.news । प्रदेश पंचायत सचिव संगठन के आव्हान पर भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के समस्त पंचायत सचिव अपने एक सूत्रीय मांग को लेकर परीवीक्षा अवधि पश्चात शासकीयकरण को लेकर अपने मुख्यालय में काम बंद कलम बंद कर 16 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठे हैं। पूरे ब्लाक के 52 पंचायतों में ताला लटका हुआ है और सारे विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा के दौरान सचिव संघ कांकेर के जिलाध्यक्ष संभु साहू द्वारा बताया गया कि चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने घोषणापत्र में शासकीयकरण करने का वादा किया गया था। मुख्यमंत्री द्वारा उनके निवास में पंचायत सचिवों के प्रतिनिधि मंडल से 24 जनवरी 2021 को पंचायत सचिवों का दिसंबर 2021 तक शासकीयकरण करने का वादा किया गया था।
ज्ञात हो कि प्रदेश में कार्यरत पंचायत सचिव 29 विभाग के 200 प्रकार के कार्य को जमीनी स्तर पर पूर्ण ईमानदारी पूर्वक निर्वहन करते हुए, राज्य शासन एवं केंद्र शासन के समस्त योजनाओं को लोकतंत्र के अंतिम व्यक्ति तक पहुचाने का अतिमहत्वपूर्ण कार्य को कर रहे है। राज्य सरकार की फ़्लैगशिप योजना जैसे गोधन न्याय योजना, (नरवा, गरूआ, घुरवा, बाडी), राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास, पेंशन, सहित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन करते आ रहे हैं। त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यस्था जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत स्तर में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी शासकीय सेवक है, परन्तु पंचायती राज की बुनियाद आधार स्तंभ ग्राम पंचायत में कार्यरत पंचायत सचिव 27 वर्ष बाद भी शासकीय सेवक नहीं है।
सीएम की घोषणा के बावजूद नियमितीकरण नहीं
पंचायत सचिव/शिक्षक सम्मेलन इंडोर स्टेडियम रायपुर में दिनांक 29 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री द्वारा मंच से पंचायत सचिव का शासकीयकरण करने हेतु घोषणा किया गया था। पंचायत मंत्री रविंद्र चौबे द्वारा 17 फरवरी 2023 को पंचायत सचिव के 70 से अधिक प्रतिनिधि मंडल के समक्ष शासकीयकरण आगामी बजट में पूर्ण करने हेतु आश्वस्त किया गया था, परन्तु छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 6 मार्च 2023 को प्रस्तुत बजट में पंचायत सचिवों शासकीयकरण का कोई प्रावधान नहीं होने से 10 हजार 568 पंचायत सचिव व उनके परिवार दुखी एवं आक्रोशित हैं। प्रदेश के लगभग 70 विधायकों द्वारा भी पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने हेतु अनुशंसा किया गया है।
-15 वर्ष की अवधि पूर्ण कर चुके 7 हजार सचिव
कई सचिवों को विभाग में कार्य करते हुए 27 वर्ष से अधिक हो गया है, सचिवों के साथ नियुक्त अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी/वनकर्मी/लोकनिर्माण विभाग के कर्मी को शासकीयकरण कर दिया गया है परंतु सचिवों को शासकीयकरण से वंचित है। प्रदेश में कार्यरत 10 हजार 568 पंचायत सचिव में से 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके 7 हजार 184 पंचायत सचिवों को शासकीयकरण का वेतनमान 5200-20200 ग्रेड 2400 मिल रहा है, वहीं 15 वर्ष के कम सेवावधि वाले पंचायत सचिव जिनकी संख्या 3384 को 3500-10000 ग्रेड 1100 का वेतनमान मिल रहा है। राज्य सरकार के कर्मचारी/शासकीय कर्मचारी नहीं होने से शासकीय सेवक की भांति अन्य सुविधा जैसे ओपीएम, चिकित्सा भत्ता, टीए, बीमा आदि से वंचित है। परिवीक्षा अवधि पश्चात सचिवों के शासकीयकरण करने से वार्षिक वित्तीय भार 75 करोड़ अल्प मात्र आएगा।
-सचिवों के हड़ताल पर जाने से ये कार्य प्रभावित
पंचायत सचिवों के हड़ताल में चले जाने से शासन के महत्वकांक्षी योजना गोबर खरीदी, रीपा कार्य, गौठान के समस्त कार्य, मनरेगा के कार्य, जन्म-मृत्यु पंजीयन, राशनकार्ड प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण, सामाजिक सहायता कार्यक्रम अन्तरर्गत वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, सुखद सहारा पेंशन, मुख्यमंत्री पेंशन, राष्ट्रीय परिवार सहायता, श्रद्धांजलि योजना,पेयजल व्यस्था, शौचालय निर्माण, वन अधिकार पट्टा वितरण, स्वामित्व योजना सर्वेक्षण, ग्राम सभा, बजट निर्माण, समस्त निर्माण कार्य एवं वित्तीय वर्ष के अंतिम माह होने से लेखा जोखा के कार्य पूर्ण रूप से प्रभावित हों रहे हैं।