भिलाई। ट्रैफिक सुरक्षा सप्ताह के दौरान नेहरू नगर ब्रिज में दुर्घटना घट गई। घटना में युवा वकील आयुष मिश्रा की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। जब तक पुलिस व परिजन पहुंचते तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। घटना के संबंध में मिली जानकारी अनुसार आयुष नेहरू नगर ब्रिज से होकर अपने घर जा रहा था। इस दौरान ब्रिज की लाइटें खराब होने से वहां अंधेरा था। बताया जाता है कि अंधेरा होने की वजह से आयुष की बाइक डिवाइडर से टकरा गई। दुर्घटना के बाद आयुष काफी देर तक वहीं अंधेरे में तड़पता रहा।
इस दौरान किसी तरह सूचना पुलिस व परिजन को दी गई, जब तक परिजन वहां पहुंचे आय़ुष की मौत हो चुकी थी। सुपेला थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा ने बताया कि रविवार रात आयुष मिश्रा पिता अनिल कुमार मिश्रा (25) कान्हा पार्क, विवेकानंद नगर कोहका का रहने वाला था। वह पेशे से वकील था। देर रात वह भिलाई टाउनशिप की तरफ से बाइक सीजी 09 ए, 0497 से अपने घर कोहका जा रहा था। इसी दौरान नेहरू नगर ओवर ब्रिज के ऊपर वह सड़क दुर्घटना का शिकार हो गया।
दुर्घटना में आयुष को काफी गहरी चोटें आई और वह बेहोश हो गया। उसने किसी तरह अपने घर में फोन कर दुर्घटना की जानकारी दी। ब्रिज के ऊपर की लाइट खराब होने से वहां इतना अंधेरा था कि किसी ने भी आयुष को घायल हालत में नहीं देखा और जब तक पुलिस और घर वाले वहां पहुंचे तब तक आयुष की मौत हो चुकी थी। अस्पताल पहुंचाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस के अनुसार अज्ञात वाहन ने टक्कर मारा
इधर दुर्घटना के संबंध में सुपेला पुलिस का कहना है कि आयुष को कोई अज्ञात वाहन ने टक्कर मारा और वहां से भाग गया। जबकि आयुष के परिजनों का कहना है कि ये दुर्घटना विभागीय लापरवाही के चलते हुई है। ब्रिज के ऊपर की लाइट काफी समय से खराब है। ट्रैफिक, निगम या अन्य जिम्मेदार अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। बताया गया कि उस ब्रिज में तकनीकी खामी भी है। इससे वहां पहले भी कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
हेलमेट पहना होता तो बच जाता आयुष
आयुष के चाचा राकेश मिश्रा ने बताया कि आयुष ने लॉ किया था। आगे जज बनने की तैयारी कर रहा था। वह पढ़ाई में ही ध्यान दे रहा था। उस शाम वह सिविक सेंटर में लगे एक्सपो को देखने गया था। वहां से लौटने के दौरान दुर्घटना का शिकार हो गया। चाचा का कहना है कि दुर्घटना के लिए ब्रिज के ऊपर लाइटिंग की उचित व्यवस्था न होने से जितना अधिकारियों की लापरवाही है, उतना ही आयुष की भी लापरवाही भी है। अगर आयुष हेलमेट पहना होता तो आज वह जिंदा होता। उन्होंने लोगों से अपील की है कि ट्रैफिक नियमों का पालन करें और गाड़ी सीट बेल्ट और हेलमेट लगाकर ही चलाएं। इसमें कोई भी लापरवाही न बरतें।