नववर्ष के कैलेंडर में छत्तीसगढ़िया संस्कृति की बिखरी इंद्रधनुषीय छटा, सीएम ने किया विमोचन

by sadmin

रायपुर। सीएम भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में कैबिनेट बैठक के बाद छत्तीसगढ़ शासन के नववर्ष के लिए कैलेंडर का विमोचन किया। प्रकाशित नववर्ष कैलेंडर में छत्तीसगढ़िया संस्कृति की इंद्रधनुषीय छटा बिखेरती तस्वीरें इसे बेहद मनमोहक और नयनाभिराम स्वरूप प्रदान कर रही है। नववर्ष कैलेंडर के माध्यम से राज्य की कला, संस्कृति, खान-पान, तीज-त्यौहार, खेलकूद, धार्मिक महत्व के स्थलों के संरक्षण, संवर्धन और विकास की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गढ़े गए नए प्रतिमान को प्रदर्शित किया गया है। कैलेंडर के विमोचन अवसर पर मंत्रिपरिषद के सदस्य, मुख्य सचिव सहित सभी विभागों के सचिव उपस्थित थे। छत्तीसगढ़िया जगार की थीम पर प्रकाशित कैलेंडर के प्रत्येक पृष्ठ में छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान और सम्मान को स्थापित करतीं प्रतीत होती है।

मेरी जीवनशैली आम इंसान की तरह ही रही

सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ शासन के वर्ष 2023 के कैलेंडर का विमोचन करते हुए सभी को नववर्ष की बधाई और शुभकामनाएं दी। सीएम ने कहा कि मैं एक आम छत्तीसगढ़िया हूं। मैंने वो सब कुछ किया है, जो एक आम छत्तीसगढ़िया ग्रामीण अपने दैनिक जीवन में करता है। मेरी जीवन शैली किसी आम इंसान की तरह ही रही है और अब भी वही आम इंसान मेरे भीतर है। मेरे आचार-विचार और व्यवहार में छत्तीसगढ़ियापन हमेशा से रहा है और रहेगा।

संस्कृति से ही हमारी पहचान 

बघेल ने कहा कि हमारी संस्कृति बहुत प्राचीन और समृद्ध है। संस्कृति से ही हम लोगों की पहचान बनती है। संस्कृति एक दिन में नहीं बनती है, वो सैकड़ों वर्षाें से परिष्कृत होकर इस रूप में पहुंचती है, वही हमारी पहचान है, उस पर हमें गर्व करना चाहिए। छत्तीसगढ़ शासन का नववर्ष का कैलेंडर वास्तव में हमारी सांस्कृतिक विरासत का दस्तावेज है। इस कैलेंडर के कव्हर पेज पर सीएम भूपेश बघेल की एक ठेठ छत्तीसगढ़िया किसान के रूप में नागर चलाते खूबसूरत तस्वीर प्रकाशित की गई है। कैलेण्डर में छेरछेरा-पुन्नी तिहार के अवसर पर अन्नदान की महिमा को प्रतिपादित करने वाली तस्वीर, माघी पुन्नी मेला राजिम का विहंगम दृश्य, शिवरीनारायण मंदिर का नवीन भव्य और मनमोहक स्वरूप दर्शाया गया है।

छत्तीसगढ़िया जगार की प्रतीक

इसी तरह छत्तीसगढ़िया खेलकूद एवं खान-पान बोरे बासी, आदिवासियों की आस्था का केन्द्र देवगुड़ी, हरेली तिहार, राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव, तीजा तिहार, बस्तर दशहरा, चंदखुरी धाम एवं करमा नृत्य की मनमोहक तस्वीरें कैलेण्डर में प्रकाशित की गई है, जो कि छत्तीसगढ़िया जगार की प्रतीक है।

Related Articles

Leave a Comment