भिलाई। भारत के नवनिर्माण के संकल्प के साथ हर व्यक्ति अपना व्यक्तित्व गढ़े। आज समूचे विश्व को गुरु के रूप में ऐसे ऋषि सत्ता मिला है जिसने करोड़ो लोगों के जीवन को बदला है। आज का यह 151 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ मानवीय चेतना को दैवीय संकल्प के साथ जोडऩे का अवसर है। इस भूमि पर लोग आते नही उन्हें ईश्वरीय चेतना द्वारा बुलाये जाते है। आप उन सौभाग्यशाली लोगों में से एक हैं जिन्हें दिव्य सत्ता द्वारा बडे उद्देश्यों के लिए चुना और इस धरती पर बुलाया गया है।
पूरे विश्व में असुरता का साम्रज्य छाया
आज का यह दीप महायज्ञ सौभाग्य के वरण तथा अवसर को पहचानने का है। हमे यह सोचना चाहिए कि क्या हम अपना जीवन एक साधारण मानवीय की तरह पशुओं जैसा जीवन जीते हुए गंवा देंगे अथवा कुछ ऐसा करके इस धरती से जाएं जिस पर समाज और आने वाली पीढिय़ां हम पर गर्व कर सके। आज पूरे विश्व में असुरता का साम्रज्य छाया हुआ है।इस असुरता को परास्त करने के लिए हमें संगठित होकर आधशक्ति गायत्री को युगशक्ति के रूप में परिणित करना होगा।
युवाओं से व्यसन और फैशन से दूर करने की सलाह
अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में सेक्टर-7 भिलाई दशहरा मैदान में अश्वमेघ गायत्री महायज्ञ रजत जयंती के अवसर पर आयोजित 151 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के तीसरे दिन के कार्यक्रम में दीप महायज्ञ के अवसर पर देव संस्कृति विश्विद्यालय हरिद्वार के प्रतिकुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या ने अपने उदबोधन में उन्होंने युवाओं से व्यसन और फैशन से दुर रहकर अपना समय, साधन और शक्ति को मानवता के हित मे,गरीब व दीन हीन के उत्थान में लगाने का संकल्प दिलाया।
अपने मन के दीपक को प्रकाशवान बनाए
वहीं पंडित श्याम बिहारी दुबे ने अपने प्रवचन में कहा कि जब तक जागेंगे नहीं तब तक बाहरी और भीतर के शत्रु प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते रहेंगें।अब समय आ गया है कि अपने मन के दीपक को प्रकाशवान बनाये । गुरु,गायत्री, गीता, गंगा और गौ सेवा को हमें विश्ववसुधा तक पहुचाना होगा। कार्यक्रम के तीसरे दिन पाँच हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने चार पाली यज्ञ देवता को आहुति समर्पित कर सबके मंगमलय जीवन एवं उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना की गई. आज 200 लोगों ने गायत्री मंत्र की दीक्षा लिये, 25 पुंसवन संस्कार,20 विद्यारम्भ संस्कार हहुआ। यज्ञ परिसर में पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी द्वारा लिखित 3200 से अधिक सत्साहित्य का विराट प्रदर्शनी लगाई गई है, वहीं नशामुक्ति प्रदर्शनी लगाकर लोगों को शराब, गुटका, तंबाकू, बीड़ी, सिगरेट, गुड़ाखु जैसे नशा से दूर रहने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
यज्ञ आहूति में लगभग 5000 लोगों की उपस्थिति
आज यज्ञ प्रारंभ के पूर्व शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे अंतराष्ट्रीय प्रज्ञापुराण कथा वाचक पंडित श्याम बिहारी दुबे, रमेश तिवारी, बसंत यादव, नारायण रघुवंशी मनहरण साहू, परमेश्वर साहू भूषण चौधरी विकास, विनोद नेताम, चंद्रभान मौर्य गोरा प्रसाद का सरस्वती उमरे, अनिता साव, प्रीति साहू, अंजना साहू, डॉक्टर खोमराम साहू, बेमेतरा,एस. पी. सिंह ,मोहन उमरे , महेन्द्र वर्मा, धीरजलाल टाँक, अलख राम नायक, सहदेव साहू, रामस्वरूप साहू द्वारा अक्षत तिलक कलावा बांधकर आचार्य वरण किया गया तत्पश्चात पुरोहितों द्वारा देव शक्तियों का आवाहन कर सबके मंगलमय जीवन एवं उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए यज्ञ देवता को आहुति समर्पित कराये गये ।. देव मंच सहित सभी 151 कुंडों में प्रथम दिवस यज्ञ आहूति में लगभग 5000 लोगों की उपस्थिति रही. आज 30 दिसम्बर को यज्ञ प्रात: 8.30 से दोपहर 1 बजे तक होग। आज अंतिम दिन पूर्णाहुति के अवसर आदरणीय शैल बाला पंड्या शैल जीजी, डॉक्टर चिन्मय पंड्या एवं शैफाली पंड्या जी उपस्थित रहेंगें। महपूर्णाहूति, आरती, देव शक्तियों की यज्ञ भूमि से बिदाई बाद शांतिपाठ एवं विश्वकल्याण, सुख शांति के निमित्त सामुहिक शुभकामना की जाएगी।