भिलाई। स्वामी स्वरूपानंद महाविद्यालय के बीएड प्रशिक्षणार्थियों को छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली का अवलोकन करने शैक्षिक भ्रमण करवाया गया। विद्यार्थियों को विभिन्न सर्टिफिकेट प्रोग्राम, डिप्लोमा, यूजी, पीजी एवं पीएचडी पाठ्यक्रम एवं कौशल विकास कार्यक्रम के बारे में बताया गया जिस कोर्स को करने पर गवर्नमेंट के द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।
समाज को मार्गदर्शन प्रदान करता है शिक्षक
कार्यक्रम में डॉ. पीके घोष डायरेक्टर यूटीडी सीएसवीटीयू ने व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षक को क्लास में पूरी तैयारी एवं विषय वस्तु का अध्ययन करके जाना चाहिए। एक शिक्षक समाज को मार्गदर्शन प्रदान करता है उसके विचारों में उलझन नहीं होना चाहिए। विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय ने कौशल विकास के लिए सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा कार्यक्रम सेंटर फॉर स्किल डेवलपमेंट एंड इनफॉरमल एजुकेशन तैयार किया है जो गवर्नमेंट द्वारा अनुमोदित है जिसे कोई भी विद्यार्थी बारहवीं के बाद सीख सकता है। इसे प्रोफेशनल कंसल्टेंट, वर्कर एवं महिलायें भी सीख सकते है। यूनिवर्सिटी के वेबसाइट पर स्किल डेवलपमेंट कोर्स उपलब्ध है जिसे आप निर्धारित फीस देकर कर सकते हैं जिसमें प्रत्येक पाठ्यक्रम के अलग-अलग प्रशिक्षक है जो विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करते है। यहां पर चौबीस प्रकार के कोर्स संचालित किए जाते हैं जिसमें स्पोकन इंग्लिश, ऑटोकैड, टैली (इआरपी 9 विद जीएसटी), बेसिक ऑफ इंटरनेट कोडिंग व डिकोडिंग आदि हैं।
स्थाई प्रभाव विद्यार्थी के मस्तिष्क पर पड़ता
डॉ. शर्मिष्ठा घोष ने कहा बेस्ट टीचिंग प्रैक्टिस इसके अंतर्गत बहुत सी एक्टिविटी करवाई जाती है जिसमें इफेक्टिव टीचिंग कैसे करें उस पर वर्कशॉप आयोजित करवाया जाता है जिसमें शिक्षण को सहायक शिक्षण सामग्री का उपयोग करके एक्टिविटी बेस्ट बनाया जाता है जिससे विद्यार्थी क्रिया करके देखता है जिससे उसे पचहत्तर प्रतिशत अधिगम उसी समय हो जाता है। सीओओ डॉ. दीपक शर्मा ने बीएड प्रशिक्षणार्थियों को इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण करवाए जाने पर शिक्षा विभाग को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा कि शैक्षिक भ्रमण के द्वारा हम विद्यार्थियों को किसी प्रक्रिया को प्रत्यक्ष दिखाकर सीखाते हैं जिसका स्थाई प्रभाव विद्यार्थी के मस्तिष्क
पर पड़ता है जिससे विद्यार्थी कभी नहीं भूलते हैं। उपप्राचार्य डॉ. अजरा हुसैन ने कहा कि बीएड प्रशिक्षणार्थियों का यह शैक्षिक भ्रमण बहुत उपयोगी एवं लाभप्रद साबित हुआ है।
शैक्षिक भ्रमण से कौशल विकास से संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स की जानकारी
बीएड तृतीय सेमेस्टर की कामिनी वर्मा ने कहा इस शैक्षिक भ्रमण से कौशल विकास से संबंधित विभिन्न सर्टिफिकेट कोर्स की जानकारी प्राप्त हुई जो हमारे लिये लाभप्रद है। वहीं बीएड प्रथम सेमेस्टर की आस्था मेश्राम ने कहा कि कैम्पस के भ्रमण से ड्रोन से होने वाले विभिन्न कार्य जैसे सिंचाई, फसल निरीक्षण, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की सीमा सुरक्षा आदि के बारे में जानकारी प्राप्त हुई। शैक्षिक भ्रमण में बीएड फर्स्ट सेमेस्टर एवं बीएड थर्ड सेमेस्टर के प्रशिक्षार्थी उपस्थित थे। इस अवसर पर शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. दुर्गावती मिश्रा, डॉ. मंजू कनौजिया, डॉ. पूनम शुक्ला, डॉ. शैलजा पवार एवं श्रीमती उषा साहू उपस्थित थे।