नेक मूल्यांकन के लिए एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन

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भिलाई। स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय एवं अपर संचालक कार्यालय दुर्ग डिवीजन के संयुक्त तत्वावधान में एसएसआर एवं एक्यूआर की तैयारी में आईक्यूएसी की भूमिका विषय पर एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. सुशील चंद्र तिवारी अपर संचालक उच्च शिक्षा विभाग दुर्ग डिवीजन तथा समापन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. आर.एन.सी. प्राचार्य शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर महाविद्यालय दुर्ग थे। मुख्य वक्ता डॉ. जी.ए. घनश्याम ओ.एस.डी. उच्चशिक्षा विभाग उपस्थित हुए।

साज-सज्जा पर भी विद्यार्थी फीड बैक देंगे

मुख्य अतिथि डॉ. आर.एन.सी. प्राचार्य विश्वनाथ यादव तामस्कर महाविद्यालय, दुर्ग ने एडॉन कोर्स अब हटा दिया गया है इसके जगह वैल्यू एडेडे कोर्स को रखा गया है। वैल्यू एडेड कोर्स तीस घंटे का होना चाहिये इसे कोई भी महाविद्यालय करा सकता है। प्रमाण पत्र एवं डिप्लोमा कोर्स के लिये विश्वविद्यालय या उच्च शिक्षा विभाग का अनुमति आवश्यक है। महाविद्यालय का वातावरण साज-सज्जा पर भी विद्यार्थी फीड बैक देंगे।

गुणवत्ता आकलन के लिए नेक मूल्यांकन आवश्यक

प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता आकलन के लिए नेक मूल्यांकन आवश्यक है जिसमे आईक्यूएसी की भूमिका महत्वपूर्ण है। आकलन के लिए एसएसआर एवम एक्यूएआर जमा करना होता है जिसके आधार पर महाविद्यालय का मूल्यांकन किया जाता है अतः सभी महाविद्यालयों के लिए यह कार्यक्रम मिल का पत्थर साबित होगा।

एक्यूएआर ही एसएसआर में बदलेगा

डॉ. सुशील चंद तिवारी ने कहा कि यह कार्यशाला दुर्ग संभाग के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। हम उच्चशिक्षा विभाग के सहयोग से नैक में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रयास कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 90 प्रतिशत शासकीय महाविद्यालय का नैक मूल्यांकन हो चुका है, शेष अभी प्रक्रिया में है। एक्यूएआर. ही एस.एस.आर. में बदलेगा। नैक में सात बिन्दू है इन्हीं बिन्दुओं के आधार पर हमें नैक की तैयारी करनी है।

कार्यक्रम में इनकी रही विशेष उपस्थिति

डॉ. जी.ए. घनश्याम, मुख्य कार्यकारणी अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा, डॉ. प्रज्ञा कुलकर्णी, डॉ. शमा ए, डॉ. यासमीन परवेज, डॉ. ऋचा ठाकुर,

डॉ. अनिता शाह, डॉ सपना शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. शमा ए. बेग एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शिवानी शर्मा ने दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मीना मिश्रा, खूशबू पाठक, डॉ. सुनीता वर्मा, अपूर्वा शर्मा, योगिता लोखण्डे ने विशेष योगदान दिया।

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