भिलाई। सेफी प्रतिनिधि मंडल ने भिलाई टाउनशिप के अधिकारियों के बड़े आवासों का अत्याधिक थर्ड पार्टी आवंटन एवं आवंटन के बाद उन क्वाटरों पर कब्जे से उत्पन्न समस्याओं का उल्लेख करते हुए केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में थर्ड पार्टी कब्जेधारियों के कारण बीएसपी के अधिकारियों को बेहतर मकान उपलब्ध नहीं होने की समस्या से अवगत कराते हुए इसके समाधान के लिए इन मकानों को थर्ड पार्टी के कब्जे से मुक्त कराने की मांग की है।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के नाम से आवास आवंटित
विदित हो कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के पश्चात बीएसपी के बड़े आवासों को प्रशासनिक अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को जिनका कार्यक्षेत्र भिलाई-दुर्ग रहा, उन्हें दिया गया था। समय के साथ अधिकारियों के रिटायरमेंट, स्थानांतरण के पश्चात भी अधिकतर आवास उन्हीं के कब्जे में रह गये हैं। वर्तमान परिस्थितियों में भिलाई टाउनशिप में छत्तीसगढ़ के अनेक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के नाम से आवास आबंटित है यद्यपि उनकी पदस्थापना दुर्ग से दूरस्थ जिलों में है। कुछ अधिकारी सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं परंतु विडम्बना यह है कि आज भी वे बीएसपी के मकानों पर अवैध रूप से काबिज हैं।
अधिकारी खरीद नहीं पा रहे है मकान
नगर सेवा विभाग की अनेक कोशिशों के पश्चात भी भिलाई टाउनशिप के ये बड़े मकान प्रभावशाली प्रशासनिक अधिकारियों के कब्जे से नहीं निकाले जा सके हैं। इन परिस्थितियों में इस्पात संयंत्र के अधिकारी, अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। जो आज वरिष्ठता होने के पश्चात भी छोटे मकानों में रहने को मजबूर हैं और वे उसके लिए 8000-14000 रूपये तक का एच.आर.ए. के रूप में हानि भी वहन कर रहे हैं क्योंकि 2014 से एच.आर.ए. बंद कर दिया गया है। इस कारण संयंत्र के अधिकारी प्राइवेट कालोनियों में भी मकान नहीं खरीद पा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में केन्द्र व राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों में भिलाई के मकानो के प्रति रूचि बड़ी है जिससे लगभग सारे बड़े मकान जो सेक्टर 5, 8, 9, 10 में है, इन सरकारी अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों, पूर्व सरकारी अधिकारियों, पूर्व विधायकों आदि के कब्जे में है इस कारण बहुत सारे बड़े आवास संयंत्र के अधिकारियों के पहुंच से बाहर हो गये हैं। इन काबिज आवासों पर वृहद रूप से अनाधिकृत तरीके से निर्माण कार्य भी किया गया है। जिसको देखकर यह लगता है कि उनकी पीढ़ियां भी इन मकानों में अवैध रूप से काबिज रहेंगी।
जनप्रतिनिधियों पर भी कड़ाई से नियम लागू होना चाहिए
वर्तमान परिवेश में बीएसपी से सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों को 6 माह के भीतर ही मकान खाली कराया जाता है, यही नियम प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों पर भी कड़ाई से लागू होना चाहिए। सेफी ने मंत्री महोदय से यह मांग रखी है कि थर्ड पार्टी से खाली कराये गये सभी आवासों को बीएसपी के अधिकारियों को ही आबंटित करवाने हेतु दिशानिर्देश इस्पात मंत्रालय द्वारा दिया जाए। सेफी ने वर्तमान विस्फोटक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए मंत्री महोदय से आग्रह किया कि वे बीएसपी प्रबंधन को निर्देशित करें कि इन थर्ड पार्टी को आबंटित मकानों की पुनः समीक्षा कर अन्यत्र पदस्थापित प्रशासनिक अधिकारियों को स्थानांतरण अथवा सेवानिवृत्ति के बाद, पूर्व जनप्रतिनिधियों आदि को मकान खाली कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही शीघ्र किया जाए।
थर्ड पार्टी आवासों को शीघ्र ही खाली कराया जाए
बीएसपी के इन बड़े मकानों को ऐसे थर्ड पार्टी कब्जेधारियों से मुक्त कराकर बीएसपी अधिकारियों को आबंटित करने का आग्रह किया है। सेफी चेयरमेन श्री नरेन्द्र कुमार बंछोर ने आग्रह किया कि 32 बंगले मे ही विधायक निवास, सांसद निवास आदि चिन्हित किया जाए एवं सेक्टर 5, 8, 9, 10 के थर्ड पार्टी आवासों को शीघ्र ही खाली कराया जाए।
थर्ड पार्टी आवासों को चिंहित कर रही ओए बीएसपी की टीम
ओए-बीएसपी की टीम द्वारा सभी सेक्टरों में सर्वे करके थर्ड पार्टी आबंटन को चिन्हित किया जा रहा है। इस संदर्भ में सेफी चेयरमेन व आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र कुमार बंछोर ने केन्द्रीय राज्य इस्पात मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी से अवैध कब्जों के निराकरण में सहयोग करने तथा बीएसपी अधिकारियों को बेहतर आवास दिलाने में मदद करने का आग्रह किया। बीएसपी आवासों पर हो रहे अवैध कब्जे के निराकरण तथा बीएसपी अधिकारियों को बेहतर आवास उपलब्ध कराने के संदर्भ में केन्द्रीय इस्पात राज्यमंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने संवेदनशीलता दिखाते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।