गरियाबंद। जिले के जंगल में हृदयविदारक घटना सामने आई है। कुसमुड़ा गांव में रहने वाले पति-पत्नी की जंगल में किसी बात को लेकर विवाद हुआ और पति ने कुल्हाड़ी से पत्नी पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। वहीं हत्यारे पति को भी हार्ट अटैक आया और उसकी भी मौत हो गई। मामला गरियाबन्द के कोतवाली थाना क्षेत्र के कोसुमबूड़ा गांव का है। 15 दिसंबर को पति वीरेंद्र ध्रुव (30) अपनी पत्नी रतनी बाई (25) के साथ मनरेगा का काम कर घट लौटे। उसके बाद गांव के पास लगे जंगल में लकड़ी लेने के लिए निकल पड़े।
कोसुमबूड़ा निवासी वीरेंद्र ध्रुव व पत्नी रतनी बाई और डेढ़ साल के बेटे के साथ गांव में वीरेंद्र घर का खर्चा चलाने के लिए रोजी मजदूरी करता था। पत्नी भी रोजी मजदूरी करती थी।
इधर दंपति ने अपने डेढ़ साल के बेटे को माता-पिता के पास छोड़ गए थे। कहा था कि लकड़ी इकट्ठा होने के बाद जंगल से लौटते समय नहाकर घर आएंगे। पर वे 15 दिसंबर की देर शाम तक घर नहीं लौटे। सूचना पर 16 दिसंबर को परिजन के साथ कुछ ग्रामीण दोनों की तलाश में निकले। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण साथ रहे जो जंगल में आगे बढ़ रहे थे तभी लोगों की नजर पगडंडी किनारे बैठे वीरेंद्र पर पड़ी।
जंगल की पगडंडी में रोते बैठा था
वीरेंद्र को एक पगडंडी के किनारे लोगों ने रोते हुए देखा तो पास गए। वह काफी घबराया हुआ था, कमजोर व बीमार लग रहा था। वह ठीक से बात भी नहीं कर पा रहा था। पर यह बताया कि उसने अपनी पत्नी को मार दिया है। उसे पहले तत्काल पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं ग्रामीणों ने रतनी बाई की तलाश जारी रखी। इस बीच खून से लथपथ हालत में रतनी बाई की भी लाश मिली। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
वीरेंद्र ने रोते हुए बताया मैंने हत्या की
ग्रामीणों से जंगल में बात के दौरान वीरेंद्र ने रोते हुए बताया कि मैंने अपनी पत्नी को मार दिया है। ये सुनकर लोग भी दंग रह गए। लेकिन फिर भी उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां 16 दिसंबर की शाम इलाज के दौरान वीरेंद्र की मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि वीरेंद्र की मौत हार्ट अटैक आने से हुई है। अगले दिन 17 दिसंबर को दोनों का पोस्टमॉर्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है। बताया जा रहा है कि युवक 12 साल से मानसिक रूप से बीमार था। इस बीच जब उसकी तबीयत ठीक हुई, तब 2020 में उसकी शादी कर दी गई थी। अब उसने इस वारदात को अंजाम दे दिया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।