पलारी (बलौदाबाजार)। गिधपुरी पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम तेलासी में सुबह 10 बजे अवैध रेत से भरे एक ट्रक ने बाइक सवार को चपेट में ले लिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। परिजन शव लेकर घर जा रहे थे लेकिन रास्ते में वही ट्रक देखते ही आगबबूला हो गए और शव सड़क पर रखकर ट्रकों को रोककर रास्ता जाम कर दिया। वे 50 लाख मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इनमें से कुछ ट्रकों में अवैध रेत भरी हुई थी। इस दौरान भीड़ ने एक ट्रक को आग के हवाले भी कर दिया। प्रशासन के मुताबिक ट्रक को असामाजिक तत्वों ने आग लगाई है।
ट्रक तेलासी से भंडारपुरी सड़क पर कर रहा था, तभी तेलासी गांव के मोड़ पर यह हादसा हुआ। बाइक सवार युवक हरि बघेल साथी यशवंत बंजारे के साथ घूमने जा रहा था जिसे सामने से आ रहा ट्रक चपेट में लेते हुए ट्रक खेत में जा घुसा। पीछे बैठे युवक को गंभीर चोट लगने से उसे पलारी अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उसका इलाज जारी है। पुलिस शव का पीएम कराकर परिजनों को सैंप दिया है। घटना के बाद परिजन और ग्रामीण भारी संख्या में जमा हो गए थे।
ट्रकों को रोककर की तोड़फोड़, आग भी लगाई
पिकअप से शव लेकर जा रहे परिजनों का गुस्सा ट्रक को देखकर फूट पड़ा और दोपहर 2 बजे घटना स्थल पर गाड़ी रोककर चक्का जाम कर दिया। इसके बाद वहां से गुजर रहे 4 अन्य ट्रकों को रोककर आक्रोशित भीड़ ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। इसमें से 3 ट्रकों में रेत भरी थी जबकि एक गाड़ी खाली थी। भीड़ ने किसी ट्रक को नहीं बख्शा और अंत में रात को एक ट्रक को डीजल डालकर आग लगा दी।
रेत के अवैध परिवहन से परेशान हैं ग्रामीण, कई बार हो
चुके हादसे फिर भी नहीं रुक रहा रेत का खनन-परिवहन
अंचल में अवैध रेत खनन और परिवहन को लेकर हमेशा आंदोलन और चक्काजाम हो रहा है मगर रेत घाट चलाने वाले सफेदपोशों के सामने सब बेबस हो जाते हैं। आखिर में जनता भी हार ही जाती है और यही कारण है की आज गुस्सा इस कदर फूटा कि पहली बार इस तरह का आक्रोश देखने को मिला। ट्रक को आग के हवाले कर लोग देर रात तक शव लेकर लोग सड़क पर ही बैठे हैं। इस मार्ग से रोज सैकड़ों ट्रक रेत लेकर गुजरते हैं। इसी मार्ग से रेत का अवैध खनन कर कवर्धा, बेमेतरा, रायपुर, दुर्ग आदि शहरों तक ट्रकों से ले जाता है खनन माफिया।
रेत घाट बंद फिर भी हो रहा रेत का अवैध खनन व परिवहन
बारिश में रेतघाट बंद करने के शासन के आदेश हैं लेकिन उसके बाद भी रोज अवैध रेत लेकर गाड़ियां गुजर रही हैं, ट्रक चालकों के पास न तो पीटपास है और न ही रॉयल्टी। लगातार सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कहां से रेत ला रहे हैं पर शासन आंख मूंदे बैठा है। दरअसल सारे रेत ठेके सियासी नेताओं के दखल से ही चल रहे हैं और अघोषित रूप से इन्हें उपर से संरक्षण मिला हुआ है। रेत माफिया ने खनन के बाद आसपास के खाली क्षेत्रों में रेत डंप करके रखी है, जिसे गाड़ियों में भरकर लगातार आसपास भेजा जा रहा है और सब कुछ खनिज अफसरों की नाक के नीचे हो रहा है।
तहसीलदार, एसडीओपी की बात नहीं सुन रहे ग्रामीण 50 लाख के मुआवजे पर अड़े
घटना के बाद से ग्रामीणों और परिजनों को समझाने में जुटे तहसीलदार नीलमणि दुबे पलारी और एसडीओपी प्रसून बाजपेयी की कोई बात सुनने को तैयार नहीं हैं। तहसीलदार शासन की ओर से मिलने वाली राहत राशि 25 हजार लेकर ग्रामीणों को चक्काजाम खत्म करने और विधिवत शांतिपूर्वक अपनी मांग और बात रखने की समझाइश दे रहे हैं मगर परिजन और ग्रामीण कोई बात सुनने को तैयार नहीं हैं।
ट्रक मालिक से मुआवजा दिलाने की कोशिश- कलेक्टर
इस संबंध में कलेक्टर रजत बंसल ने कहा कि ट्रक के मालिक से बात की जा रही है और उससे पीड़ित परिजनों को मुआवजा दिलाने की प्रयास कर रहे हैं । शासन से जो निर्धारित राशि है वो तो हम देंगे ही। उन्होंने कहा कि परिजन सहयोग कर रहे हैं और जल्द ही आंदोलन खत्म हो जाएगा, जो गाड़ी जली है उसे असामाजिक तत्वों नेआग लगाई है।