निगम के बगीचों में मिलेगी रेस्टॉरेंट की भी सुविधा, मॉडल होगा अहमदाबाद का

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रायपुर। निगम के उद्यानों में अब रेस्टॉरेंट खोले जाएंगे जिससे लोगों को स्वस्थ वातावरण, मनोरंजन के साथ जायकेदार  खानपान मिल सकेगा। इसके लिए लोगों को उद्यान की सैर सपाटे के बाद खानपान के लिए किसी अन्य स्थान पर जाने की भी जरुरत खत्म हो जाएगी। नगर मालिक निगम अहमदाबाद मॉडल पर इस अभिनव योजना पर काम कर रहा है। नगर पालिक निगम रायपुर ने नगर के 176 उद्यानों के कायाकल्प और स्वचछता पर विशेष फोकस करते हुए एक महात्वाकांक्षी योजना तैयार की है ताकि इन उद्यानों की देखभाल और सुरक्षा बेहतर ढंग से की जा सके। इसकी तैयारी अहमदाबाद मॉडल पर की गई है । इससे निगम प्रति वर्ष उद्यानों के रखरखाव व सुरक्षा पर होने वाला खर्च 1 करोड़ 30 लाख से अधिक बचा सकेगा। 

दो उद्यानों की निविदा पर स्वीकृति दी गई, आगे आए उद्योग समूह

निगम के योजना विभाग में सुपरिटेडेंट राजेश शर्मा ने बताया कि फिलहाल इस योजना में केवल दो उद्यानों की निविदा पर स्वीकृति दी गई है। इसमें व्हाइट हाउस के सामने उद्यान में और गांधी उद्यान में अनुमति दी गई है लेकिन जल्द ही अन्य उद्यानों में इस प्लान को क्रियान्वित किया जाएगा। इसके लिए रायपुर के उद्योगपति, उद्योग समूह व बिल्डर समूह को आमांत्रित किया गया है  जिसमें उद्योग समूह ने रुचि दिखाई है और वे चर्चा भी कर रहे हैं।

उद्यान का 5 प्रतिशत भाग ही उपयोग में दिया जाएगा

 किसी निगम के 5 प्रतिशत भाग को ही रेस्टॉरेंट के लिए दिया जाएगा। निगम के किसी पहले उपयोगी हिस्से से छेड़छाड़ की अनुमति नहीं होगी, खास तौर पर पार्किग वाले हिस्सों में ही ऐसे रेस्टॉरेंट खोले जा सकेंगे। वहीं उपयोग में आने वाले हिस्से के साथ रेस्टॉरेेंट के संचालक पर निगम सपूंर्ण हिस्से की स्वच्छता और रखरखाव की जिम्मेदारी होगी।

प्लेसमेंट कंपनी के कर्मचारियों पर लटकी तलवार

निगम के इस फैसले से निगम के उन कर्मचारियों पर खतरे की तलवार लटकती दिखलाई दे रही है जिन्होंने प्लेसमेंट कंपनी के माध्यम से उद्यान में रोजगार प्राप्त किया है।  ऐसे हजार से अधिक कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है। हालांकि निगम का जोर इस बात पर है कि निगम में रेस्टॉरेंट सचांलित करने वाली संस्था कर्मचारियों को ही रोजगार पर रखे पर किसी तरह का निगम की ओर से संस्थाओं पर नहीं होगा।

डिवाइडर का रखरखाव भी शामिल

इसी तरह से शहर के अधिकांश डिवाइडर पर सुरक्षा व रखरखाव का जिम्मा उद्योग समूह को दिया जा रहा है। इसमें कई जगहों जिंदल समूह ने जिम्मेदारी ली है और उसमें यूनीपोल व अन्य का उपयोग कर मेंटनेंस कर रहे हैं।

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