डोंगरगढ़ पहाड़ी पर स्थित मां बम्लेश्वरी के दरबार में इस बार श्रद्धालुओं का ऐसा जनसैलाब उमड़ा कि दो दशक बाद रिकॉर्ड ही टूट गया। ढाई साल कोरोना के दहशत ने लोगों को घर में बांधे रखा। 4 नवरात्रि के दौरान लोग माता के दर्शन के लिए मंदिरों तक नहीं पहुंच पाए। इस नवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के मंदिर पहुंचे। इस बार श्रद्धालुओं ने पिछले 20 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। रोपवे में भी भारी भीड़ के चलते रोपवे की रनिंग बढ़ाई गई है। रोपवे से भी प्रति घंटे 400 लोगों को मंदिर तक पहुंचाया जा पहुंचाया गया। इसके बाद भी लम्बी भीड़ लग रही है। माता बम्लेश्वरी का मंदिर डोंगरगढ़ की 1610 फिट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है। जहां तक पहुंचने के लिए एक हजार सीढ़ियों का निर्माण किया गया है।
नीचे पहाड़ी पर स्थित क्षीरपानी से लेकर ऊपर गर्भगृह तक लाइन
इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ ऐसी रही कि लंबे समय बाद देखी जा रही है। सुरक्षा जवानों को हर 50 मीटर की दूरी पर सीढ़ियों में बेरिकेडिंग कर ब्लाक करना पड़ा। ऐसी स्थिति नीचे पहाड़ी पर स्थित क्षीरपानी से लेकर ऊपर गर्भगृह के करीब तक रही। भीड़ को इस बेरिकेडिंग में एक से डेढ़ घंटे तक रोका जा रहा था।
अष्टमी तक पहुंचे 7 लाख श्रद्धालु
मंदिर प्रबंधन समिति के अनुसार कोरोना काल के बाद इस साल दर्शनार्थियों की अच्छी भीड़ रही है। माता के दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा है। अब तक लगभग सात लाख भक्तों ने मां बम्लेश्वरी के दर्शन किए हैं। इस साल भले ही पदयात्रियों की संख्या में कमी है लेकिन वाहन से पहुंचने वाले दर्शनार्थियों का अष्टमी के दिन तक भीड़ देखी गई। सोमवार को भी रात 9 बजे तक लगभग एक लाख दर्शनार्थियों ने दर्शन किए हैं।
सभी पार्किंग फूल, व्यवस्था में जूझते रहा प्रशासन
नवरात्रि के शुरुआत से ही डोंगरगढ़ में जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के माध्यम से सारी व्यवस्थाएं की जाती हैं। जहां मेला स्थल से लेकर मंदिर के गर्भगृह तक भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुनियोजित व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा पार्किंग, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, भोजन, भंडारा स्थल की व्यवस्था की गई थी लेकिन इस बार प्रतिदिन लगभग एक लाख श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे प्रशासन की सारी व्यवस्थाएं फेल हुई है। शहर के सभी पार्किंग फुल रहे। प्रशासन को पार्किंग के लिए हाईस्कूल मैदान तक खोलना पड़ा है।
रेलवे में 70 हजार टिकट की बिक्री
इधर रेलवे से मिली जानकारी अनुसार इस नवरात्र में अब तक 70 हजार टिकट की बिक्री हुई है। लगभग डेढ़ लाख यात्रियों ने डोंगरगढ़ से यात्रा की है। नवमीं के दिन ज्योति कलश का विसर्जन होगा। इसकी तैयारियों में जिला प्रशासन व समिति के सदस्य जुटे हुए हैं। महाष्टमी पर हवन पूजन का कार्यक्रम होने के बाद पहाड़ी पर मंदिर के ज्योति कलश का विसर्जन ऊपर ही बने कुंड में किया जाएगा। इधर नीचे मंदिर में ज्योतजंवारा विसर्जन की शुरुआत मंगलवार रात में होगी। नीचे मंदिर से हर साल की तरह ज्योत विसर्जन की यात्रा निकलेगी। जो पारंपरिक रूप से रेलवे क्रॉसिंग को पार कर महावीर तालाब पहुंचेगी।