टोक्यो । जापान इन दिनों तूफान टायफून तलस के कहर से जूझ रहा है। शनिवार को उस समय दो लोगों की मौत हो गई जब यहां पर तूफान तलस ने दस्तक दी। इस तूफान की वजह से दो लोगों की मौत हो गई है। साथ ही हजारों घरों की बिजली भी गुल हो गई है। तूफान ने शनिवार रात जापान के शिजुकोवा प्रीफेक्चर में भारी बारिश के साथ दस्तक दी। पिछले ही हफ्ते यहां पर तूफान ननमाडोल आया था जिसने कई क्षेत्रों में जमकर तबाही मचाई थी। काकेग्वा में तूफान की वजह से हुए भूस्खलन में 40 साल के व्यक्ति की मौत हो गई थी। जबकि कार के डूबने से 29 साल के एक युवक की मौत हो गई थी। शिजुका में एक और भूस्खलन में तीन लोग जिसमें एक नौ साल का बच्चा भी शामिल है, वो घायल हो गए हैं। तूफान के बाद कई घरों की बिजली भी चली गई है। जापान के शुबू इलेक्ट्रिक पावर ग्रिड का कहना है कि 120,000 घरों की बिजली काटनी पड़ी है। भूस्खलन की वजह से दो खंबे दब गए जिनकी वजह से बिजली सप्लाई रोकनी पड़ी। यह जापान में इस सीजन का 15वां तूफान है। जापान के मौसम विभाग की तरफ से बताया गया है कि तूफान की वजह से देश में 90 किलोमीटर प्रति घंटे की हवाएं चल रही हैं। शिजुका शहर में इसकी वजह से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां पर 417 मिलीमीटर तक बारिश हुई है। गुरुवार से भारी बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने ऊंची समुद्री लाहरों, भूस्खलन और बाढ़ की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग का कहना है कि पूर्वी, मध्य और उत्तरी जापान जिसमें टोक्यो भी शामिल है, वहां हालात बेकाबू हो सकते हैं। तूफान ननमाडोल की वजह से देश में चार लोगों की मौत हुई थी और 151 घायल हो गए थे। जापान में इस समय तूफान का मौसम चल रहा है। हर साल देश में करीब 20 तूफान आते हैं। इनकी वजह से भारी बारिश की वजह से भूस्खलन और बाढ़ एक आम बात हो गई है। साल 2019 में टायफून हगीबिस ने जापान में दस्तक दी थी। उस साल जापाल रग्बी वर्ल्ड कप का आयोजन कर रहा था। उस तूफान ने 100 लोगों की जान ले ली थी। इसके अलावा 2018 में बाढ़ और भूस्खलन में 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। तूफान नानमाडोल के आने से पहले ही कई फ्लाइट्स कैंसिल हो चुकी हैं। वैज्ञानिकों ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से चक्रवातों का खतरा बढ़ गया है। इसकी वजह से मौसम की अत्यधिक मुश्किल स्थितियां पैदा हो रही हैं जैसे कि हीटवेव्स, सूखा और बाढ़, बार-बार लोगों को इन परिस्थितियों से दो-चार होना पड़ रहा है।
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