वॉशिंगटन । एक मछुआरे के जाल में एक अजीबोगरीब ‘दोमुंही’ मछली फंस गई। इस मछली का वीडियो को देख कर ट्विटर यूजर्स ने कहा कि मछली के दो मुंह और दो आंख है। वहीं कई लोगों ने इसे सोवियत संघ के जमाने में चर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट त्रासदी से निकली मछली बता रहे हैं। क्योंकि चर्नोबिल के करीब झील की मछलियां मर गई थीं। वैज्ञानिक ये साफ नहीं कह पा रहे हैं कि ये मछली किसी प्रदूषण के कारण ऐसी हुई है या नहीं। उनका कहना है कि यह पता लगाने के लिए टेस्ट करना होगा। दो मुहों के बावजूद भी कार्प मछली पूरी तरह से स्वस्थ और विकसित दिखती है। ऐसे में विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इसके ऐसा होने के पीछे कारण प्रदूषण नहीं है, क्योंकि अगर वह होता तो मछलियां पहले ही मर जातीं। अमेरिका की दक्षिण कैरोलिना यूनिवर्सिटी के जीवविज्ञानी डॉ टिमोथी मूसो का कहना है, ‘ज्यादातार रेडिएशन से होने वाला म्यूटेशन ग्रोथ को रोक देता है। इसके साथ जिंदा रहने और प्रजनन की क्षमता को कम करता है। ‘प्रो। मूसो का कहना है कि इस तरह के म्यूटेशन ज्यादा समय तक जीवित नहीं रहते हैं। ज्यादातर धीमे और कम सक्षम होते हैं और ऐसे में इनके किसी जानवर या इंसान द्वारा मारे जाने की संभावना भी बढ़ जाती है।वीडियो देखने पर ऐसा लगता है, जैसे मछली की दो मुंह और चार आंखे हैं। हालांकि कुछ वैज्ञानिक और सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि मुंह दूसरा मुंह वास्तव में एक घाव है जो गलत तरीके से ठीक हो गया। प्रो मूसो चर्नोबिल का अध्ययन भी कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि मछली के साथ क्या गलत हुआ है इसके बारे में सटीक जानकारी सिर्फ प्रयोग करने से ही पता चल सकता है। उसमें भी सिर्फ एक ही मजछी नहीं सैकड़ों और हजारों मछलियों पर अलग से प्रयोग होंगे। बिना किसी प्रयोग के कुछ भी कहना संभव नहीं है।
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