मांड्या । जाके राखे सांइया मार सके न कोय की तर्ज पर कर्नाटक के मांड्या जिले के पांडवपुरा कस्बे में एक दिन के नवजात को 10 फीट गहरे कुएं में फेंक दिया गया था। गहरे कुएं में फेंके जाने के बाद भी बच्चा चमत्कारिक रूप से बच गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मांड्या आयुर्विज्ञान संस्थान में बच्चे का इलाज चल रहा है। बच्चे की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। चंद्रा गांव के निवासियों ने शुक्रवार को नवजात की चीख पुकार सुनकर उसे कुएं से बाहर निकाला था। एक स्थानीय केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद नवजात को तुरंत एमआईएमएस में स्थानांतरित कर दिया गया। हैरानी की बात यह है कि बच्चे को पीठ पर चोट के अलावा कोई शारीरिक चोट नहीं आई है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बच्चे के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे को मामूली चोटें आई हैं। चूंकि बच्चे का जन्म समय से पहले हुआ था, इसलिए उसका वजन केवल 1.5 किलो था। उन्होंने बच्चे के इलाज को लेकर बताया कि इसका इलाज एनआईसीयू में किया जा रहा है। वहीं जिला मंत्री के. गोपालैया ने शनिवार को एमआईएमएस का दौरा किया और नवजात के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और अधिकारियों को बेहतर देखभाल प्रदान करने का निर्देश दिया।
वहीं बीते सोमवार को एक अन्य घटना की खबर रायचूर जिले के मस्की तालुक से आई थी। यहां सांटेकेलूर गांव में घनमथा कोचिंग सेंटर में एक शिक्षक द्वारा गर्म पानी डालने के बाद आठ वर्षीय दूसरी कक्षा के छात्र के पेट और जांघों पर चोट लग गई थी। पीड़ित अखिल वेंकटेश को 2 सितंबर को लिंगसुगुर तालुक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन घटना देर से सामने आई जिसके बाद बाल कल्याण समिति के निदेशक ने मस्की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
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