नई दिल्ली । योग गुरु बाबा रामदेव ने शुक्रवार को दावा किया कि उनकी कंपनी पतंजलि के गाय के देशी घी को बदनाम करने के लिए उत्तराखंड में घिनौना षडयंत्र हुआ था। झूठे, अवैधानिक और मनगढ़ंत मानदंडों के आधार पर प्रामाणिक पतंजलि गाय के देशी घी के नमूने को फेल दिखाया गया था। उन्होंने कहा कि कंपनी ने अधिकृत लैब से पतंजलि गाय के देशी घी की जांच करवाई जो सभी मानकों पर खरा उतरा। बाबा रामदेव ने कहा कि घी के स्टैंडर्ड में बदलाव की जरूरत है, क्योंकि मौजूदा मानक घर में बने घी की शुद्धता को जांचने के लिए नाकाफी हैं। बाबा ने कहा कि पिछले साल अक्टूबर में पतंजलि घी के बैच नंबर बीकेडी-21158 का सैंपल उठाया गया था। इसकी उत्तराखंड के रुद्रपुर की लैब से जांच करवाई गई। 30 मार्च, 2022 को कंपनी को सैंपल फेल होने की जानकारी दी गई। हमारे द्वारा अपील कर उसी बैच के सैंपल की जांच गाजियाबाद की नेशनल फूड लेबोरेटरीज में की गई। इसमें आरएम वैल्यू 29.24 निकली जो बेस्ट थी। रुद्रपुर की लैब के पास इस तरह की जांच के लिए एनएबीएल से अधिकृत नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि रुद्रपुर की लैब में फैटी एसिड का मनगढ़ंत तरीके से ताना बाना बुना गया। केंद्र सरकार की 27 दिसंबर, 2021 की अधिसूचना के मुताबिक फैटी एसिड का मानदंड 30 जून, 2024 से लागू होना है। इस समय से पहले लागू करके और एफएसएसएआई के निर्धारित मानदंडों से अलग मानक बनाकर पतंजलि के घी को फेल दिखाया गया। घर में बने घी में यह वैल्यू नहीं मिलती है और इस स्टैंडर्ड में बदलाव होना चाहिए। हमने अधिकृत लैब से पतंजलि गाय के देशी घी की जांच फैटी एसिड के सभी मानकों पर करवाई। सभी मानकों पर पतंजलि गाय का देशी घी खरा उतरा।
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