नई दिल्ली । उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात को लेकर अभी भी संशय है। जबकि बड़ी बैठक से पहले भारत-चीन सीमा पर गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में दोनों देशों की सेनाओं की वापसी को सुनिश्चित किया गया। दोनों नेता उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन में मिलने वाले हैं, लेकिन किसी भी पक्ष ने उनके बीच अलग से बैठक होने की पुष्टि नहीं की है। जबकि रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ पीएम मोदी की शुक्रवार को बैठक हो सकती है।
बीजिंग में प्रेसवार्ता में चीन ने कहा कि उसके पास राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अलग से मुलाकात के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जबकि सूत्रों ने उल्लेख किया कि शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की बहुत ज्यादा द्विपक्षीय बैठकें होने की संभावना नहीं है। हालांकि शी के साथ द्विपक्षीय बैठक की संभावना को पूरी तरह से खत्म नहीं माना जा सकता है। एससीओ शिखर सम्मेलन से ठीक पहले लद्दाख में तनाव घटाने की कोशिश से यह अनुमान लगा जा रहा था कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक की उम्मीद बन सकती है।
सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी और पुतिन के बीच एक बैठक की संभावना पर चर्चा चल रही है। क्रेमलिन ने कहा था कि पुतिन समरकंद में कई द्विपक्षीय बैठकें कर सकते हैं। हालांकि दौरे में पीएम मोदी का मेजबान देश उज्बेकिस्तान के प्रमुख के साथ द्विपक्षीय बैठक में शामिल होना तय है। पीएम मोदी और ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के बीच बैठक का समय भी तय करने की कोशिश जारी हैं। ईरान अपना कच्चा तेल भारत को फिर से निर्यात करना चाहता है। वह बैठक के लिए बेहद उत्सुक है। बहरहाल पीएम मोदी और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ के बीच मुलाकात का कोई प्रस्ताव नहीं है।
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