वाशिंगटन । ट्विटर का सौदा अब कॉरपोरेट युद्ध में बदल गया है। इसमें लगातार कोई न कोई विवाद की खबर आती रही है। अब हाल ही में एलन मस्क के वकील ने आरोप लगाया है कि ट्विटर ने एक व्हिसलब्लोअर को चुप रहने के लिए लगभग 55 करोड़ रुपए (70 लाख डॉलर) दिए थे। यह भुगतान इसलिए किया गया क्योंकि इस व्हिसलब्लोअर ने ट्विटर की परिचालन समस्याओं को लेकर सवाल खड़े किए थे। ट्विटर और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बीच 44 अरब डॉलर की डील टूटने के बाद यह मामला कोर्ट में चला गया है। अब आए दिन इस मामले में दोनों पक्ष एक दूसरे के खिलाफ कुछ न कुछ खुलासा या बयान देता रहता है। इस डील की पिछली सुनवाई छह सितंबर को हुई थी। इस दौरान मस्क के वकील एलेक्स स्पिरो ने कहा कि एक व्हिसलब्लोअर पीटर जाटको को शांत रहने के लिए 70 लाख डॉलर का भुगतान किया गया है। ट्विटर के प्रतिनिधियों ने पिछले दिनों कंपनी के पूर्व सुरक्षा प्रमुख जाटको को 70 लाख डॉलर के भुगतान को लेकर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इस मामले को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। अखबार ने मामले से परिचित अज्ञात लोगों का हवाला देते हुए कहा कि यह भुगतान जाटको के ट्विटर छोड़ने के बाद एक समझौते के तहत दिया गया था। इस डील के मुताबिक जाटको सार्वजनिक रूप से कहीं कुछ नहीं बोलना था लेकिन वे सरकारी व्हिसल-ब्लोअर के रूप में काम कर सकते थे। ट्विटर डील से जब मस्क पीछे हटे तो उन्होंने फर्जी अकाउंट्स को लेकर सवाल उठाया। अब यह मामला उसी कड़ी से मिलता हुआ दिख रहा है। जिस जाटको को भगतान करने का आरोप लगा है वो ट्विटर का पूर्व सुरक्षा अधिकारी है। अब व्हिसलब्लोअर बने पीटर जाटको का कहना है कि ट्विटर ने अमेरिकी नियामकों को फर्जी खातों व हैकरों के खिलाफ सुरक्षा को लेकर गुमराह किया। पीटर ने 84 पन्नों की शिकायत में कहा है कि ट्विटर द्वारा यूजर्स के डाटा की मजबूत सुरक्षा व्यवस्था का दावा झूठा था। बीते माह अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग, संघीय व्यापार आयोग और न्याय विभाग में दर्ज कराई शिकायत में जाटको ने कहा है कि ट्विटर ने स्वचालित बॉट्स की संख्या कम बताई। इसके साथ ही कंपनी फर्जी खातों व बॉट्स से निपटने के मुकाबले यूजर्स बढ़ाने को प्राथमिकता देती है। कंपनी की प्राथमिकता में सुरक्षा सबसे नीचे है।
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