लंदन । चार्ल्स के सिंहासन पर बैठने के साथ ही ब्रिटेन और उसके बाहर, जीवन से जुड़े कई पहलू बदल जाएंगे, जिसमें राष्ट्रगान, नोट, सिक्के, पोस्टल स्टैंप, पोस्टबॉक्स और पासपोर्ट तक शामिल हैं। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के परिणामस्वरूप पूरे यूनाइटेड किंगडम और कॉमननवेल्थ में संस्थानों के नाम में परिवर्तन होगा। क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की जगह मुद्रा और प्रतीक चिह्न पर नए राजा की प्रतिकृति लगानी पड़ेगी। यूके और अन्य कई देशों के सिक्कों और बैंक नोटों पर अब किंग चार्ल्स की प्रतिकृति दिखनी शुरू होगी। यह परिवर्तन ईस्ट कैरेबियन के साथ, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सहित अन्य देशों की मुद्राओं पर भी दिखाई देगा। रिपोर्ट के अनुसार, अभी 4.5 बिलियन स्टर्लिंग बैंक नोट प्रचलन में हैं, जिन पर क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय का चेहरा है। इसका कुल मूल्य 80 बिलियन यूरो है। इन्हें नए सम्राट के चेहरे के साथ बदलने में कम से कम 2 साल लगने की उम्मीद है। हाल ही में, जब 50 यूरो के नए सिंथेटिक नोट जारी किए गए, तब बैंक ऑफ इंग्लैंड को सर्कुलेशन वाली करेंसी को वापस लेने और उन्हें नए नोटों से बदलने में 16 महीने लगे थे। वर्ष 1952 में जब रानी गद्दी पर बैठीं, तब बैंक नोटों पर उनकी तस्वीर नहीं छपी थी। यह स्थिति 1960 में बदल गई, जब एलिजाबेथ द्वितीय का चेहरा बैंक नोट डिजाइनर रॉबर्ट ऑस्टिन द्वारा डिजाइन किये गए पाउड 1 के नोट पर दिखाई देने लगा। कनाडा में 20 डॉलर के कुछ नोटों, न्यूजीलैंड के सिक्कों और सेंट्रल बैंक ऑफ ईस्टर्न कैरेबियन, साथ ही कुछ अन्य राष्ट्रमंडल देशों द्वारा जारी किए गए सिक्कों और बैंक नोटों पर रानी का चेहरा दिखाई देता है। ब्रिटेन का राष्ट्रगान ‘गॉड सेव द क्वीन’ से अब ‘गॉड सेव द किंग’ में बदल जाएगा। वर्ष 1952 से ‘गॉड सेव द क्वीन’ ही गाया जा रहा है, क्योंकि किंग जॉर्ज की मौत के बाद एलिजाबेथ द्वितीय क्वीन बनीं और 8 सितंबर, 2022 तक सिंहासन पर विराजमान रहीं। इस तरह करीब 70 साल बाद कोई पुरुष (किंग चार्ल्स) ब्रिटेन की राजगद्दी पर बैठेगा। यह न्यूजीलैंड का भी राष्ट्रगान है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा का रॉयल एंथम है।
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