शाहजहांपुर । शाहजहांपुर में सातवीं बेटी के पैदा होने पर दंपती ने चौंकाने वाला कदम उठाया है। दंपती ने लालन पालन की जिम्मेदारी उठाने से बचने बेटी को मुस्लिम परिवार को दे दिया हैं। जिसके बाद यह बच्ची अब मुस्लिम परिवार का घर रोशन करेगी। दंपती ने पुत्र की चाहत में सातवीं संतान उत्पन्न की।जो बेटी हुई। सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है। बेटियां भी हर क्षेत्र में अपना दमखम दिखा रही हैं। बावजूद इसके लोगों की सोच नहीं बदल पा रही। बेटे की चाहत में दंपती ने छह बेटियों को जन्म दिया। सातवीं बार भी बेटी हुई, तब बोझ मानकर निसंतान मुस्लिम दंपती को गोद दे दिया। निगोही के गांव तिलोका निवासी रमाकांत की पत्नी संगीता देवी ने बच्ची को सीएचसी में जन्म दिया था। दंपती ने गांव के नईम अहमद व उनकी पत्नी शाहजिया को बच्ची गोद दे दी। बेटी को गोद देने के सवाल पर रमाकांत ने बताया कि उसकी यह उसकी सातवीं बेटी है।एक बेटी की मृत्यु हो चुकी है।सबसे बड़ी बेटी खुशबू 14 वर्ष तथा सबसे छोटी नन्ही की उम्र दो वर्ष है। रमाकांत ने बताया कि उसकी व पत्नी की इच्छा थी कि बेटे का जन्म हो, लेकिन इस बार भी बेटी पैदा हुई। उसके पास पांच बीघा जमीन ही है। पांच बेटियों का खर्च उठाना मुश्किल पड़ रहा था।
इस बेटी का पालन अच्छे से हो इसके लिए गांव के निसंतान दंपत्ति नईम व शाहजिया को बेटी गोद दे दी। ब्यूटी पार्लर चलाने वाली शाहजिया बच्ची को पाकर खुश है। शाहजिया ने बताया कि छह साल पहले शादी हुई थी। कोई संतान नहीं हुई। दो वर्ष से किसी बच्चे को गोद लेने की कोशिश कर रहे थे। संगीता से बात हुई थी। उसने कहा था कि अगर इस बार भी बेटी हुई गोद दे देगी।
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