भारतीय नौसेना की ताकत आज और बढ़ने जा रही है। देश की सेना को आज पहला स्वदेशी युद्धपोत मिल गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने INS विक्रांत को भारतीय नौसेना को सौंप दिया है।आने वाले समय में हमारी नेवी और मजबूत होगी।अब इंडियन नेवी ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिए खोलने का फैसला किया है। जो पाबन्दियां थीं वो अब हट रही हैं। समर्थ लहरों के लिए कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिए भी अब कोई दायरे या बंधन नहीं होंगे।इसमें इतने केबल का इस्तेमाल किया है वो अगर कोच्चि से शुरू हो तो काशी तक पहुंच सकते हैं। ये जटिलता हमारी इंजीनियरर्स की जीवटता का उदाहरण है।साथियों विक्रांत के हर एक भाग की एक खूबी और ताकत और विकास यात्रा है। ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबैस में जो स्टील लगी है, वो स्वदेशी है। उसे डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। ये युद्धपोत से ज्यादा एक तैरता हुआ एयरफील्ड है, तैरता हुआ शहर है। इसमें इतनी बिजली पैदा हो सकती है, उससे पांच हजार घरों को रोशन किया जा सकता है।
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