पूर्व नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा- कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र नहीं, सीएम बघेल ने पूछा- आप कौन सी लोकतांत्रिक प्रक्रिया से हटाए गए

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रायपुर ।  कांग्रेस के प्रदेश संगठन चुनाव चल रहे हैं, लेकिन अब तक ब्लाक अध्यक्षों की नियुक्ति पूरी नहीं हो पाई है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होना है। इससे पहले ब्लाक अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय प्रतिनिधि का चुनाव पूरा करना है। यही वजह है कि कांग्रेस संगठन अब तेजी से ब्लाक अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव पर राजनीति भी तेज हो गई है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस के चुनाव को नौटंकी करार देते हुए आंतरिक लोकतंत्र को लेकर सवाल किया, तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पलटवार करने में कोई देर नहीं की। बालोद रवाना होने से पहले मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कौशिक से पूछा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष (धरमलाल कौशिक) को कौन सी लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत हटाया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हेलीपैड पर मीडिया से चर्चा में कहा कि कांग्रेस में आंतरिक लोकतंत्र है और इसी के तहत चुनाव हो रहे हैं। धरमलाल कौशिक बता दें कि उन्हें किस प्रक्रिया के तहत हटाया गया था? क्या विधायक दल की बैठक में ऐसा प्रस्ताव आया, या जो नया नेता चुना गया, वह विधायक दल द्वारा चुना गया। उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हटाए गए, क्या वे आंतरिक लोकतंत्र के माध्यम से हटाए गए। सीएम बघेल ने कहा कि अध्यक्ष हटा दिए, नेता प्रतिपक्ष हटा दिए, कहीं किसी प्रक्रिया का पालन नहीं हुआ, ऐसे में वे लोकतंत्र की दुहाई क्यों दे रहे हैं। पहले अपनी पार्टी में देख लें। सीएम बघेल ने नाराजगी भरे लहजे में कहा कि उनको (धरमलाल कौशिक) नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था तो क्या विधायकों का विश्वास था? वो तो गुलदस्ता देने गए थे, वहां इस्तीफा मांग लिया गया।

कांग्रेस का संगठन चुनाव महज नौटंकी: कौशिक

पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सोमवार को रायपुर में मीडिया से चर्चा में कहा कि कांग्रेस का संगठन चुनाव महज एक नौटंकी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लगातार पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। वे पार्टी में अपमानित हो रहे हैं। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद कांग्रेस के 400 से अधिक नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। किसी पार्टी के भीतर लोकतंत्र समाप्त हो जाए तो उसकी हालत ऐसे ही होती है। जहां वरिष्ठ नेताओं को बोलने की आजादी नहीं है, वहां चुनाव की कल्पना कैसे की जा सकती है?

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