नई दिल्ली । महाराष्ट्र की राजनीति में 50 विधायकों के समर्थन से एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और उन्होंने अपना राजनीतिक कद भी दिखाया। कहा जाता है कि मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद भी एकनाथ शिंदे की नजर कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी के विधायकों पर है। क्योंकि एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि महाराष्ट्र से बीजेपी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को 200 विधायक वोट देंगे। इससे तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ‘मिशन-200’ को अपने हाथों में लिया है। वर्तमान में भाजपा और शिंदे समूह के पास कुल 170 विधायक हैं। जब से शिवसेना ने मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा की है, यह संख्या 185 विधायकों तक पहुंच गई है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या एकनाथ शिंदे द्वारा घोषित 200 विधायकों के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री की नजर कांग्रेस और राकांपा विधायकों पर है? ऐसी चर्चा शुरू हो गई है। शिंदे को अपना वादा पूरा करने के लिए अभी भी 15 विधायकों के वोटों की जरूरत होगी। तो क्या वे इसके लिए कांग्रेस-राष्ट्रवादी विधायकों पर नजर रख रहे हैं? सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि एकनाथ शिंदे राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी विधायकों को तोड़ पाएंगे या नहीं। आपको बता दें कि विधानसभा में कांग्रेस के 44 और राकांपा के 53 विधायक हैं। ऐसे में यह देखना होगा कि राष्ट्रपति पद के लिए किस पार्टी के 15 और विधायकों की जरूरत होगी।
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