वॉशिंगटन । अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले 200 साल के अंदर बेन्नू नाम का एक एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकराएगा। वैज्ञानिकों ने कहा कि हमारे सौर मंडल में बेन्नू नाम का एक एस्टेरॉयड है, जो हर कुछ साल में पृथ्वी के पास से गुजरता है। 1999 में खोजे गए इस एस्टेरॉयड को लेकर नासा शुरू से ही रिसर्च कर रही है। इसे और करीब से जानने के लिए नासा ने ओसीरिस-रेक्स स्पेस क्राफ्ट भेजा था। स्पेस क्राफ्ट ने सैंपल लिए थे और वहां लैंडिंग की थी, जिससे हैरान करने वाले रिजल्ट सामने आए हैं। नासा ने पता लगाया है कि इस एस्टेरॉयड की सतह कठोर नहीं बल्कि नर्म है।अक्टूबर 2020 में स्पेसक्राफ्ट ने इसकी सतह पर लैंड किया था। ये लैंडिंग एक झटके के साथ हुई। स्पेसक्राफ्ट ने तुरंत अपने थ्रस्टर को चलाया, और इसकी सतह से कुछ ऊपर आ गया। कैमरे में रिकॉर्ड हुए वीडियो को देख कर स्पेस क्राफ्ट उड़ाने वाली टीम भी हैरान रह गई। वीडियो में दिखा कि जहां स्पेसक्राफ्ट लैंड हुआ था, उसके चारो तरफ छोटे-छोटे पत्थरों की दीवार बन गई थी। ओसीरिस-रेक्स विज्ञान टीम के सदस्य केविन वॉल्श का कहना है कि, ‘बेन्नू को देख कर लगता है कि ये एक ही ठोस पत्थर है। लेकिन हमें इस पर बहुत सारी खाली जगह मिली है।’ इसका प्रभाव इतना अप्रत्याशित था कि आखिर क्या हुआ है, ये समझने के लिए स्पेस क्राफ्ट को वापस भेजा गया। छह महीने बाद स्पेस क्राफ्ट अप्रैल 2021 में एस्टेरॉयड के करीब पहुंचा। जिस जगह उसने लैंड किया था उसका नाम नाइटिंगेल था, जहां पर 65 फुट चौड़ा क्रेटर था। लेकिन जब स्पेस क्राफ्ट वापस पहुंचा तो उसे हैरान करने वाले रिजल्ट मिले। वहां क्रेटर के अंदर एक नया क्रेटर बन गया था जो 26 फुट चौड़ा था। टक्कर के कारण मलबे चारो ओर बिखरे थे।अब वैज्ञानिकों ने कहा है कि उम्मीद के मुताबिक इस एस्टेरॉयड की सतह सख्त नहीं नर्म है। अगर समय पर स्पेसक्राफ्ट ने थ्रस्टर न चलाया होता तो ये एस्टेरॉयड के अंदर ही घुस कर डूब जाता।वैज्ञानिकों ने पाया कि इसकी सतह के पत्थर के कण आपस में चिपके हुए नहीं है। ये छोटी-छोटी प्लास्टिक की गेंद से भरे किसी टब की तरह है।
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