नई दिल्ली । भारत में अगले आने वाली 5 सालों में इलेक्ट्रिक वाहन की मांग काफी तेज रहेगी। 2027 तक यह मांग 100 प्रतिशत तक होगी है। मोदी सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग और एक रिपोर्ट में 2026-27 तक भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के 100 प्रतिशत प्रवेश का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर रिसर्च और डेवलपमेंट के द्वारा 2025-26 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज और पावर में 5 फीसदी की बढ़ोतरी होती है, और वित्त वर्ष 2026-27 तक 10 फीसदी की बढ़ोतरी होती है। वित्त वर्ष 2021-32 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच 72 फीसदी होगी। वहीं कहा गया है कि वित्त वर्ष 2028-29 तक भारत में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री 220 लाख यूनिट के पार हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर वाहनों के सेगमेंट में भारत में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग बढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में चार्जिंग पॉइंट लगाना होगा। जिससे ग्राहकों के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति भरोसा बढ़ेगा। इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर ग्राहकों के बीच सकारात्मक रुख है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी से ग्राहकों को इसकी ओर आकर्षित किया गया है। लोगों के बीच इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जागरूकता बढ़ी है।
रिपोर्ट के अनुसार, खरीदारों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता का बढ़ना, कार्बन एमिशन स्टैंडर्ड, सरकार के प्रयास और कंपनियों के लिए बन रहा इकोसिस्टम दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को अपनाने में मदद कर रहा है।
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