रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के गठन के लिए छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिूसचना 18 अप्रैल को प्रकाशित कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा जिला राजनांदगांव की सीमाओं को परिवर्तित करना, नवीन जिला ‘‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’’ का सृजन करना और उनकी सीमाओं को परिभाषित करना प्रस्तावित की गई है। इसके तहत परिवर्तन के स्वरूप अंतर्गत जिला राजनांदगांव के उपखण्ड-खैरागढ़ एवं छुईखदान तथा तहसील खैरागढ़, गंडई एवं छुईखदान को समाविष्ट करते हुए नवीन जिला ‘‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’’ का सृजन होगा। नवीन जिला ‘‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’’ की सीमाएं अंतर्गत इसके उत्तर में जिला कबीरधाम दक्षिण में तहसील डोंगरगढ़ एवं राजनांदगांव जिला-राजनांदगांव, पूर्व में तहसील-साजा जिला बेमेतरा एवं तहसील-धमधा, जिला दुर्ग और पश्चिम में तहसील लांजी, जिला बालाघाट (म.प्र.) होगी।उल्लेखनीय है कि राजपत्र में इस सूचना के प्रकाशन के दिनांक से 60 दिवस की समाप्ति पर, प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। इस संबंध में कोई भी आपत्तियां या सुझाव, लिखित में सचिव छत्तीसगढ़ शासन राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, मंत्रालय, महानदी भवन, कैपिटल कॉम्पलेक्स, नवा रायपुर अटल नगर जिला रायपुर को उक्त अवधि के समाप्ति के पूर्व भेजे जा सकेंगे।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से यहां उनके निवास कार्यालय में जिला निर्माण संघर्ष समिति, खैरागढ़ के प्रतिनिधिमण्डल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने खैरागढ़-छुईखदान-गंडई को जिला बनाए जाने की घोषणा पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताते हुए उन्हें पुष्पहार व प्रतीकचिन्ह भेंट किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि नवीन जिला गठन होने की घोषणा से क्षेत्र के लोगों में हर्ष की लहर है। जिला निर्माण की बहुप्रतीक्षित मांग पूर्ण होने से अब शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों को बेहतर तरीके से मिल सकेगा।राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि से जुड़ी सेवाओं तक आम नागरिक पहुंच बढ़ेगी। साथ ही प्रशासनिक विकेंद्रीकरण का लाभ मिलने से क्षेत्र का बेहतर विकास होगा। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य गृह निर्माण मण्डल के सदस्य विनोद तिवारी तथा जिला निर्माण संघर्ष समिति, खैरागढ़ के संयोजक शिरीष मिश्रा, अशोक मूणत, मोहम्मद खलील कुरेशी, रामकृष्ण शास्त्री, सुबोध पांडेय, फारुख मेमन, दिलीप श्रीवास, नितिन जैन और अनिल जैन सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।