गौठान दिवस पर बनाये गये गौठानों के रिपोर्ट कार्ड पर गहन समीक्षा का दौर आरंभ

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गौठान पहुंच दिवस के मौके पर गौठान के नोडल अधिकारियों के फीडबैक पर कलेक्टर ने की पहली समीक्षा दुर्ग जनपद में
डिब्रीफिंग के दौरान कलेक्टर ने कहा कि लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी, हर स्तर पर अधिकारियों के उत्तरदायित्व तय, गौठानों का बेहतरीन क्रियान्वयन हमारी पहली प्राथमिकता
सुराजी गांवों के गौठान जैसे होने चाहिए, वैसे ही सभी गौठान हों, इस लक्ष्य को लेकर करें युद्धस्तर पर काम
दुर्ग. गौठान पहुंच दिवस के दिन सभी नोडल अधिकारियों को अपने-अपने गौठानों का निरीक्षण करने और यहां चल रहे सर्वाेत्तम नवाचार देखने, खूबियों और खामियों को इंगित करने कहा गया था। आज दुर्ग जनपद से गौठानों के रिपोर्ट कार्ड पर समीक्षा आरंभ हुई। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इस मौके पर कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा है कि गांवों में महात्मा गांधी के सुराजी गांवों के माडल के अनुरूप कार्य हो। गांव आत्मनिर्भर बनें। इसकी शुरूआत गौठान से होगी। गौठान पहुंच दिवस के आयोजन का मकसद यह था कि गौठान के संचालन की समग्र स्थिति प्रशासन के नजर में पूरी तरह आये। हर गौठान में होने वाली गतिविधियों, खूबियों, खामियों का डिटेल हो ताकि इन्हें और बेहतर करने की कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि सुराजी गांवों के गौठान हर दृष्टि में सर्वाेत्तम होने चाहिए। गौठानों के फीडबैक में पाया गया कि कुछ गौठान बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। कुछ में नवाचारों पर खूब ध्यान दिया जा रहा है। कहीं वर्मी खाद का उत्पादन काफी अच्छा किया गया। कुछ गौठान अच्छा काम कर रहे हैं और कुछ औसत। कलेक्टर ने कहा कि समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि कुछ तकनीकी दिक्कतें दूर कर ली जाएं तो सभी गौठान बहुत अच्छे स्तर पर काम करने लगेंगे। इसके बाद उन्होंने गौठानों के सभी नोडल अधिकारियों से उनके गौठान की समस्या के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि अगले एक पखवाड़े में इन दिक्कतों को दूर किया जाएगा। बैठक में एसडीएम श्री विनय पोयाम एवं जनपद सीईओ श्री शैलेष भगत भी उपस्थित थे।
फीडबैक में ये बातें सामने आईं- फीडबैक में अनेक नोडल अधिकारियों ने बताया कि उनके यहां गौठान समिति के पदाधिकारी काफी सक्रिय हैं। यद्यपि कुछ नोडल अधिकारियों ने बताया कि जिस तरह की सक्रियता अपेक्षित है उस तरह की सक्रियता गौठान पदाधिकारियों में नहीं है। कलेक्टर ने कहा कि इसके लिए निरंतर संवाद बेहद जरूरी है क्योंकि नोडल अधिकारी के रूप में आपका और गौठान समिति के पदाधिकारियों के रूप में उनका काम गौठान के माध्यम से झलकता है। अगर गौठान अच्छी स्थिति में नहीं दिखता अथवा उसमें काफी कुछ करने की संभावनाएं नजर आती हैं जिन्हें किया जा सकता था तो जिम्मेदार लोगों के प्रति जनता का अच्छा संदेश नहीं जाता। इसलिए निरंतर समन्वय के साथ कार्य करते रहिये। कुछ गौठानों में पानी की समस्या सामने आई। कलेक्टर ने इसका तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिये।
आगे के लिए दिये यह निर्देश- नोडल अधिकारियों को कलेक्टर ने सप्ताह में चार बार गौठान का निरीक्षण करने निर्देशित किया। सप्ताह के एक दिन इस बात की समीक्षा करने के लिए कहा कि उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का किस सीमा तक पालन किया गया। उन्होंने कहा कि सभी गौठानों में सीपीटी हो, घेरा हो, पानी की व्यवस्था हो चारे और छाया की व्यवस्था हो। पर्याप्त संख्या में वर्मी टांके हों, गोबर खरीदी होती रहे, वर्मी खाद का निरंतर उत्पादन होता रहे। सभी टांकों को एक साथ नहीं भरे। गौठान में अन्य आजीविकामूलक गतिविधियों का उत्पादन होता रहे।
दूसरी फसलों को भी करें प्रोत्साहित- कलेक्टर ने राजीव गांधी न्याय योजना के अंतर्गत धान के बदले अन्य फसल लेने के लिए भी लोगों को प्रोत्साहित करने एआरईओ से कहा। उन्होंने कहा कि इसके लाभों के संबंध में अधिकाधिक जागरूकता फैलाएं। राजीव गांधी न्याय योजना के माध्यम से अब दूसरी फसलों से भी लाभ कमाने किसानों के लिए राह खुल गई है।

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