पाटन। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में रावघाट परियोजना को लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव करने जा रहे भोलेभाले आदिवासियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने की घटना को लेकर सूबे की राजनैतिक सियासत गर्मा गई है। इस घटना पर आक्रोश जताते हुए छत्तीसगढ़ भाजपा विधायक दल के स्थायी सचिव जितेंद वर्मा ने कहा है कि भूपेश बघेल का अहंकार और तानाशाही चरम सीमा पर है। नारायणपुर में भोलेभाले आदिवासियों पर लाठीचार्ज करना क्रूरतापूर्ण घटना है।श्री वर्मा ने कहा आदिवासी अपना हक माँगने जा रहे थे लेकिन ऐसा दमन करना यह साबित कर दिया है कि राज्य सरकार आदिवासी विरोधी है। कांग्रेस के पाप का घड़ा भर गया है जिसका जवाब यही आदिवासी आगामी विधानसभा चुनाव में देंगे। 2000 से 2003 में जब कांग्रेस की सरकार थी और उस समय वर्तमान मुख्यमंत्री अजित जोगी ने छत्तीसगढ़ के सम्माननीय आदिवासी समाज के लोगों के ऊपर कालिक पुतवाई थी।आज फिर से इनकी सरकार बनी है तो पुनः भोलेभाले आदिवासियों को लाठीचार्ज कराकर अपमानित कर रहे हैं।इस घटना ने जोगी सरकार की तानाशाही शासन काल की घटना की यादें ताजा कर दी है।कांग्रेस ने उस समय भी आदिवासियों का अपमान किया था आज भी अपमान कर रही है।जोगी सरकार की तर्ज पर चल रही कांग्रेस पार्टी कभी भी भोलेभाले लोगों के हितैषी हो ही नहीं सकती।विगत विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी इन्ही आदिवासियों के चरण स्पर्श कर रहे थे जब आदिवासियों ने अपना हक मांगा तो उनके ऊपर लाठीचार्ज कराकर तानाशाही दिखा रहे हैं।उन्होंने कहा कि भूपेश जी आदिवासी समाज समय आने पर इस एक एक लाठी का ब्याज समेत हिसाब करेगा। यह बेहद कायरतापूर्ण शर्मनाक कृत्य है। श्री वर्मा ने कहा कि दरअसल आदिवासी रावघाट परियोजना का विरोध कर रहे हैं। परियोजना के विरोध में हजारों ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर दिया।घेराव के दौरान ग्रामीणों की भीड़ उग्र हो गई। पुलिस के बैरिकेड्स को तोड़कर ग्रामीण कलेक्ट्रेट के अंदर घुस गए और जोर जोर से नारेबाजी कर रहे थे। नारेबाजी के बीच ग्रामीणों पर पुलिस ने लाठियां बरसाई जिससे कई ग्रामीणों को चोटें भी आई है।ग्रामीण रावघाट परियोजना व खदान को बंद करने की मांग कर रहे हैं। रावघाट संघर्ष समिति द्वारा जिला प्रशासन को बारह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौपने गए थे। श्री वर्मा ने कहा कि इन्हीं आदिवासियों के बलबूते कांग्रेस को सत्ता सुख भोगने का मौका मिला है आज इन पर लाठियां बरसाई जा रही है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। यह कृत्य घोर अमानवीय की श्रेणी में आता है।
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