यूक्रेन में महिलाओं ने उठाए हथियार, 13000 से अधिक महिलाओं ने रूसी सैनिकों के विरुद्ध संभाला मोर्चा

by sadmin
Spread the love

कीव। रूसी हमले के खतरे के बीच यूक्रेन की सेना भी पूरी तरह तैयार है। अपने संबोधन में राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की भी कह चुके हैं कि हमारी सेना अब पहले से अलग है। यूक्रेन की ‘नई सेना’ अब बड़ी संख्या में महिलाएं भी भर्ती हो रही हैं। महिलाओं ने देश की रक्षा के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर हथियार उठा लिए हैं। यूक्रेन की सेना महिलाओं को लड़ने की प्राथमिक ट्रेनिंग देकर युद्ध के लिए तैयार कर रही है।
यूक्रेन की सेना में महिलाओं की पहले से ही बड़ी भागीदारी है। 30 हजार से अधिक महिला सैनिकों में अब 20 से 60 साल की गृहणियां और कामकाजी महिलाएं भी शामिल हो रही हैं। ये महिला सैनिक किसी भी पुरुष सैनिक टुकड़ी पर भारी पड़ने के लिए काफी हैं। 2014 में जब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था तब महिला सैनिकों ने अपना दम दिखाया था। रूस हमले में बड़ी संख्या में यूक्रेनी नागरिकों और सैनिकों की मौत भी हो गई थी।
यूक्रेन 1993 से अपनी सेना में महिलाओं को जगह दे रहा है। सेना में महिलाओं की भागीदारी 15 फीसदी है। कुल 1100 महिलाएं सैन्य अफसर के पद पर तैनात हैं। वहीं, युद्ध के मैदान में 13000 से अधिक महिलाएं मौजूद हैं। वर्तमान में यूक्रेन की महिला सैनिक देश के पूर्वी अशांत हिस्से में रूस समर्थित विद्रोहियों से लोहा ले रही हैं। डोनबास के दोनों इलाकों को रूस अलग देश के रूप में मान्यता दे चुका है और सेना तैनात करने के आदेश भी दे चुका है।
पिछले हफ्ते से विद्रोही इलाकों में गोलाबारी की खबरें आ रही हैं। युवा महिलाओं के साथ-साथ बुजुर्ग सैनिक भी यूक्रेन की रक्षा के लिए आगे आ रही हैं। कई तस्वीरों में बुजुर्ग महिलाओं को एके-47 बंदूक के साथ अभ्यास करते हुए देखा गया था। वे रूस को खुलकर चुनौती दे रही हैं। यूक्रेन में ‘बाबुश्खा बटालियन’ नाम से बुजुर्ग महिलाओं की एक अलग बटालियन है। यह बटालियन युद्ध के समय सैन्य आपूर्ति, मेडिकल सहायता और खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करने का काम करती है। 2014 में क्रीमिया पर रूसी हमले के समय सैनिकों के लिए खंदक खोदने का काम किया था। कुछ दिनों पहले यूक्रेन की महिला सैनिक विवादों में आ गई थी। महिलाओं यहां परेड के दौरान हिल्स पहने हुए देखा गया था। इसके बाद फेमिनिस्ट्स ने सेना और सरकार पर सवाल उठाए थे। उनका कहना था कि ऐसा करके यूक्रेन की सेना पुरुष और महिलाओं के बीच भेद कर रही हैं। यूक्रेन सरकार को भी इसे लेकर कड़ी आलोचना का सवाल करना पड़ा था।

Related Articles

Leave a Comment

error: Content is protected !!