नई दिल्ली । कर्नाटक हिजाब विवाद एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिकाकर्ताओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इससे पहले गुरुवार को कर्नाटक हाईकोर्ट की तीन जजों की बेंच ने अगले आदेश तक स्कूल कॉलेजों में धार्मिक पोशाक पहनने पर रोक लगाई थी।
दरअसल, कर्नाटक सरकार ने राज्य में कर्नाटक एजूकेशन एक्ट-1983 की धारा 133 लागू कर दी है। इस वजह से अब सभी स्कूल-कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में तो तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी, प्राइवेट स्कूल भी अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार तक के लिए शिक्षण संस्थानों में धार्मिक पोशाक पर रोक लगाई है। इसके खिलाफ कुछ याचिकाकर्ता जो हिजाब बैन के खिलाफ हैं वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। इसमें कांग्रेस यूथ विंग के अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास भी शामिल हैं। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश को आर्टिकल 25 का उल्लंघन बताया है। याचिकाकर्ता आरिफ जमील ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
इस फैसले के खिलाफ कुछ छात्रों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी। इन याचिका को सिंगल बेंच ने चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली बड़ी बेंच में भेज दिया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए बड़ी बेंच ने गुरुवार को अंतरिम आदेश सुनाया था। चीफ जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने कहा था कि हम संस्थान खोलने का आदेश देंगे। सब शांति बनाए रखें। जब तक हम मामला सुन रहे हैं, तब तक छात्र धार्मिक वस्त्र पहनने पर जोर न दें।
कर्नाटक सरकार के ड्रेस वाले फैसले को लेकर विवाद पिछले महीने जनवरी में तब शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी और कॉलेज प्रशासन ने उन्हें ड्रेस कोड का हवाला देते हुए प्रवेश देने के इनकार कर दिया था।
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