पीएम नरेंद्र मोदी आज शाम 6:30 बजे समीक्षा बैठक की करेंगे अध्यक्षता, कोरोना संक्रमण के रोकथाम पर होगी चर्चा

by sadmin

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम 6:30 बजे कोरोना समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे.

आई भारत में तीसरी लहर तो कितने भयावह होंगे हालात?

कोरोना के सबसे संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन के मामले भारत में बढ़ने लगे हैं. इसे देखते हुए देश में कोरोना की तीसरी लहर की भी संभावना जताई जा रही है. ओमिक्रॉन का सबसे पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. इसके बाद ये वैरिएंट लगभग 100 देशों में फैल चुका है. ज्यादातर यूरोपियन देशों में कोरोना के मामलों में अचानक बढ़ोतरी देखी गई और इनमें से ज्यादातर मामले ओमिक्रॉन के ही हैं.

भारत में अब तक ओमिक्रॉन के 236 केस सामने आए हैं जो हर दिन बढ़ रहे हैं. केंद्र ने राज्यों को आगाह करते हुए कहा है कि डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन लगभग तीन गुना अधिक तेजी से फैलता है. इसकी संक्रामकता देखते हुए सरकार अलर्ट मोड में आ गई है. कुछ राज्यों में नए साल के जश्न से पहले सख्ती लगानी भी शुरू हो गई है. ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए हेल्थ एक्सपर्ट्स देश में तीसरी लहर आने की संभावना जता रहे हैं.

नेशनल कोविड -19 सुपरमॉडल कमेटी के सदस्य विद्यासागर ने ANI को बताया, ‘भारत में अगले साल की शुरुआत में तीसरी लहर आने की संभावना है. हालांकि, लोगों में बड़े पैमाने पर इम्यूनिटी होने की वजह से दूसरी लहर की तुलना में ये हल्की होगी लेकिन तीसरी लहर निश्चित रूप से आएगी. अप्रैल-मई में दूसरी लहर में आए मामलों की तुलना में इसकी संख्या कम रहेगी. सरकार ने 1 मार्च से ही भारत में का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया था, डेल्टा वैरिएंट के आने का समय यही था. उस समय फ्रंटलाइन वर्कर्स को छोड़कर और किसी को वैक्सीन नहीं लगी थी. यही वजह है कि डेल्टा ने इतनी बड़ी आबादी को चपेट में ले लिया.’

विद्यासागर ने कहा, ‘अब देश में 75-80% की सीरो-प्रेवलेंस है. 85% लोगों को पहली डोज और 55% लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है जो महामारी से 95% तक बचाव करता है. इसलिए तीसरी लहर में मामले उतने ज्यादा सामने नहीं आएंगे जितने कि दूसरी लहर में देखे गए थे. दूसरी लहर के अनुभव से हमने अपनी क्षमता भी बनाई है, इसलिए हम बिना किसी कठिनाई के इसका सामना करने में सक्षम हैं.’

हैदराबाद में आईआईटी प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा कि मामलों की संख्या दो बातों पर निर्भर करेगी. पहला कि डेल्टा से मिली नेचुरल इम्यूनिटी को ओमिक्रॉन कितना दरकिनार करता है और दूसरा वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी को ये किस हद तक चकमा दे सकता है. अभी इन दोनों बातों के बारे में पूरी जानकारी नहीं उपलब्ध है. विद्यासागर के अनुसार, अगर देश में तीसरी लहर आती है तो सबसे खराब स्थिति में, भारत में प्रति दिन दो लाख से अधिक मामले नहीं होंगे. हालांकि, प्रोफेसर ने जोर देते हुए कहा कि ‘ये महज अनुमान है, भविष्यवाणी नहीं.

प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा, ‘ओमिक्रॉन पर हम अनुमान लगाना तब शुरू कर सकते हैं जब एक बार जब ये जान जाएं कि वायरस भारतीय आबादी में कैसे व्यवहार कर रहा है. सबसे खराब परिदृश्य में, नैचुरल या वैक्सीन से मिली इम्यूनिटी कम होने पर मामलों की संख्या हर दिन 1.7 से 1.8 लाख से नीचे ही रहेगी. यह दूसरी लहर की पीक के आधे से भी कम है.’

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