नई दिल्ली । भारतीय नौसेना की शक्ति में और इजाफा होने वाला है. इसी कड़ी में गुरुवार को आईएनएस वेला (INS Vela) को इंडियन नेवी के बेड़े में शामिल किया जाएगा. इस सबमरीन का निर्माण मुंबई स्थित मझगांव डॉकयार्ड में नैवल ग्रुप, फ्रांस के साथ मिलकर किया गया है. इस सबमरीन को 9 नवंबर को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया था. इससे पहले आईएनएस कलवरी, खंडेरी, करंज भी इंडियन नेवी में शामिल हो चुकी हैं. ये सभी फ्रांसीसी स्कॉर्पियन क्लास सबमरीन टेक्नोलॉजी के आधार पर विकसित की गई. जिन्हें बेहतरीन तकनीक और आधुनिक युद्धकौशल से लैस किया गया है.आईएनएस वेला के कमांडिंग ऑफिसर, कैप्टन अनीस मैथ्यू ने कहा कि, यह हम सभी के लिए गर्व का विषय है. इस सबमरीन में स्वदेशी बैटरियों और एडवांस कम्युनिकेशन का सेट है, जो कि आत्म निर्भर भारत के विचार को प्रोत्साहित करता है.
आधुनिक तकनीकों से लैस INS Vela
आईएनएस वेला की लंबाई 75 मीटर है और इसका वजन 1615 टन है. इस सबमरीन पर एक बार में 35 नौसैनिक और 8 ऑफिसर तैनात रह सकते हैं. सबमरीन वेला समुद्र के अंदर 37 किमी की रफ्तार से चल सकती है. बेस से निकलने के बाद आईएनएस वेला 2 माह तक समुद्र में रह सकती है. इस सबमरीन में नौसेना की जरुरतों को देखते हुए वॉरफेयर उपकरण लगाए गए हैं. समुद्र के अंदर यह टॉरपीडो से दुश्मनों की पनडुब्बी और जहाज को तबाह कर सकती है. सबमरीन वेला में आधुनकि तकनीकों से लैस मिसाइल भी लगी हैं, जो कि पानी के अंदर से हवा में उड़ने वाले दुश्मनों के जेट्स को मारकर गिराने की ताकत रखती है. बता दें कि आईएनएस वेला के भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद कुल सबमरीन की संख्या 17 हो जाएगी. वहीं नौसेना अपनी ताकत में इजाफा करने के लिए आने वाले कुछ सालों में और सबमरीन को अपने बेड़े में शामिल करने की योजना पर काम कर रही है.