अलवर । राजस्थान में तीन साल लंबी चली खींचतान के बाद आखिर सचिन पायलट खेमे की मांगे पूरी हो रही हैं। कांग्रेस हाईकमान के आदेश पर अशोक गहलोत कैबिनेट में बड़ा फेरबदल हो रहा है और सचिन पायलट खेमे के 5 नेताओं को मंत्री बनाया जा रहा है। सचिन पायलट को अशोक गहलोत से खींचतान में पहली बार यह कामयाबी मिली है और इसके बाद उनके खेमें उत्साह का माहौल है। यही नहीं कहा यह भी जा रहा है कि भविष्य को देखते हुए कांग्रेस सचिन पायलट को 2023 में सीएम फेस के तौर पर भी पेश कर सकती है। दरअसल कांग्रेस किसी को नाराज करने से बचना चाहती है। इसलिए वह एक तरफ अशोक गहलोत को कार्यकाल पूरा करने का मौका दे रही है। इसके अलावा सचिन पायलट को इंतजार की सलाह देते हुए 2023 में सीएम उम्मीदवार के तौर पर लॉन्च किया जा सकता है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी इसके जरिए एक साध दो लक्ष्य हासिल करना चाहती है। पहला यह कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच विवाद को रोका जा सके। इसके अलावा दूसरा टारगेट यह है कि इनकी गुटबाजी के चक्कर में सत्ता न जाने पाए। इसलिए यह विकल्प मुफीद लग रहा है कि फिलहाल सचिन पायलट समर्थकों को कैबिनेट में जगह दी जाए और गहलोत को पूरा कार्यकाल दिया जाए। इस तरह दोनों ही गुटों को साधने की कोशिश में कांग्रेस हाईकमान जुटा है। फिलहाल कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट को राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी दी जा सकती है और किसी राज्य का प्रभारी बनाने का भी प्लान है। हालांकि इसके बाद भी राजस्थान में उनके दखल को कम नहीं किया जाएगा। कहा जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पायलट की मुलाकात में इस पर फैसला हो चुका है। इसके बाद ही पायलट ने कहा था कि हाईकमान जो जिम्मेदारी देगा, उसके लिए वह तैयार हैं। इस बयान के बाद साफ है कि पायलट को चुनावी राज्यों में स्टार प्रचारक बनाने के साथ किसी राज्य के प्रभारी की भी जिम्मेदारी दी जाएगी। अगले कुछ दिनों में ही इसे लेकर ऐलान हो सकता है। कैबिनेट गठन के बीच एक बार फिर से असंतोष के स्वर उभर आए हैं। इससे आगे की राह भी बहुत आसान नहीं नजर आ रही है। कैबिनेट विस्तार के दिन ही कांग्रेस विधायक शाफिया जुबैर ने अपनी नाखुशी जाहिर कर दी। उन्होंने कहा कि कुछ सक्षम लोगों ने उन्हें बाहर छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने तय नहीं किया है कि शपथग्रहण में शामिल होंगी या नहीं? यही नहीं उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रियंका गांधी महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने की बात कर रही हैं तो वहीं राजस्थान में उन्हें कैबिनेट में ही जगह नहीं मिल पा रही।
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